कोरिया

ऑनलाइन क्लासेस पहुंचा रहे बच्चों की आंखों को नुकसान
08-Oct-2022 3:42 PM
ऑनलाइन क्लासेस पहुंचा रहे बच्चों की आंखों को नुकसान

राष्ट्रीय दृष्टि दिवस 9 अक्टूबर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया),  8 अक्टूबर।
आंखे हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जिसकी देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी कि शरीर के अन्य अंगों की करते  है क्योकि आंखें है तो जहां रंगीन नजर आती है अन्यथा दुनियां क्या है उनसे पूछा जा सकता है जिनकी आंखे नहीं है। वर्तमान दौर में तेजी से आंख से जुडी समस्याएं बढती जा रही है। उचित देखभाल एवं खान पान उचित पोषणयुक्त नहीं होने के कारण तथा मोबाईल टीव्ही का ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने के कारण अंधापन, धुंधलापन सहित कई अन्य तरह की समस्याओं से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी से बढती जा रही है। कोरोना कॉल में आनलाइन क्लोसेस ने काफी संख्या में बच्चों को चश्मे लगाने पर मजबूर कर दिया है।

इस संबंध में सीएमएचओ व नेत्र विशेषज्ञ डॉ आरएस सेंगर का कहना है कि इस समय सबसे पहले स्कूल में बच्चों को मोबाइल पर काम करवाया जा रहा है, उस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए, मै स्वयं जिला प्रशासन से अनुरोध करूंगा अब इस पर रोक लगे, मोबाइल से सबसे ज्यादा बच्चों की आंखे प्रभावित हो रही है।

ऑखो के प्रति जनजागरूकता हेतु भारत सरकार के परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अंधापन निवारण कार्यक्र्रम सभी सरकारी अस्पतालों के माध्यम से चलाया जा रहा है। वहीं लोगों में आंखों से जुड़ी समस्याओं एवं आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।  साथ ही प्रतिवर्ष 9 अक्टूबर  तिथि को विश्व दृष्टि दिवस भी मनाया जाता है इस दिन कई संगोष्ठी व कार्यक्रम आयेाजित किये जाते है। इस अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कई कार्यक्र्रम आयोजित किये जा रहे हैं वर्तमान समय में सबसे ज्यादा आंखों को नुकसान मोबाईल के कारण हो रहा है।  दिन रात कई कई घंटे मोबाईल में बिताने के कारण लोगों के आंखों की रोशनी कम हो रही है किसी को दूर दृष्टि तो किसी को निकट दृष्टि की शिकायत बढ़ रही है। इसके अलावा मोतियाबिन्द की शिकायत लोगों में सबसे ज्यादा रहती है। ऐसी आम शिकायतों को आंखों की उचित देखभाल के बाद रोका जा सकता है लेकिन इस दिशा में सतत जागरूक रहने की जरूरत है।
वर्तमान दौर में मोबाईल का ज्यादा उपयोग व मधुमेह रोग के कारण आंखों की रोशनी कम हो रही है। वर्तमान समय में मधुमेह रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण आंख की समस्या भी बढ़ रही है। उचित दिनचर्या के अभाव में वर्तमान के दौर में मधुमेह रोग बढ़ रहा है जिसके कारण आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो रही है दूसरा कारण  लोगों का अधिक देर तक मोबाईल का उपयोग करना तथा टीव्ही एवं कम्प्यूटर का उपयोग करना है इसके कारण भी तेजी से आंखों की रोशनी प्रभावित हो रही है लेकिन इस दिशा में लोग अपनी महत्वपूर्ण अंग आंख की ओर ध्यान नही दे रहे है जो अंधापन व नजर कमजोरी का कारण बन रहा है।
कोरोना काल के दौरान जब स्कूल बंद कर दिये गये थे तब ऑनलाईन पढाई जारी रही। इस दौरान ऑनलाईन माध्यम से बच्चों को पढ़ाई से जोडे रखा गया। नेत्र विशेषज्ञ  बताते है कि इससे बच्चों के आंखों पर बुरा प्रभाव पडा जिसके कारण बच्चों की कोमल आंख प्रभावित हुई है जिसके कारण बच्चों को चश्मे लग रहे है। नेत्र विशेषज्ञ ने बताया कि वर्तमान समय में बच्चे भी मोबाईल पर ज्यादा समय बीता रहे है जो उनके आंखों को नुकसान पहुंचा रहा है।
अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखे साथ ही ऑनलाईन पढ़ाई की व्यवस्था में बच्चों को दूर रहने की भी सलाह दी गयी।    

दैनिक जीवन में उचित आहार का शामिल करे
विशेषज्ञों के अनुसार आंखों की बराबर जांच कराते रहना चाहिए साथ ही उन्होनें यह भी कहा कि प्रत्येक लोगों को अपने दैनिक आहार में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए साथ ही पीले एवं लाल फलों का उपयोग अधिक से अधिक करे। ध्रुमपान करने से बचे इससे मोतियाबिन्द, आप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचता है जो अंधेपन की पतन का कारण है। इसके अलावा सूर्य की पैराबैगनी किरणों से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर धूप के चश्मे का उपयोग करना चाहिए। साथ ही साथ खतरनाक काम करने के दौरान सुरक्षा की दृष्टी से ऑखें में चश्मा पहन कर ही ऐसे काम करना चाहिए। इसके अलावा नियमित तौर पर ऑखों की जॉच कराते रहना चाहिए।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news