कोरिया

नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं, मनमाने दर से जांच
12-Oct-2022 3:08 PM
नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं, मनमाने दर से जांच

लाइसेंस नवीनीकरण की अब फिर शुरू हो रही है प्रक्रिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 अक्टूबर।
कोरिया जिले में नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं हो रहा है और न ही इस एक्ट का पालन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी नियमों का पालन काने की दिशा में कभी जांच कर रहे हैं। जब जांच ही नहीं हो रही है तो फिर कार्यवाही का सवाल नही है। अब एक बार फिर लैब नर्सिंग होम सहित अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं के पंजीयन का नवीनीकरण (रिन्यूअल) का समय है, ऐसे में नर्सिंग होम एक्ट के पालन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हंै।

कोरिया जिले में कुछ वर्ष पूर्व नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिले में जांच की गयी थी और कुछ जगहों पर कार्रवाई की गई, लेकिन इसके बाद स्वास्थ्य केंद्रों अस्पतालों में तथा जांच सेंटरों में नर्सिंग होम एक्ट का पालन हो रहा है या नहीं, यह नहीं जांचा जा रहा है, जिस कारण कई अस्पताल व जांच सेंटर नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

ऐसा हाल कोरिया जिले ही नही बल्कि नवगठित एमसीबी जिले की भी है। नवीन जिले में भी नर्सिंग होम एक्ट का पालन अस्पतालों एवं जांच सेंटरों में नहीं हो रहा है और बिना जांच के ही बेधडक़ चल रहे हैं। कोरिया व एमसीबी जिले में कई नर्सिंग होम संचालित है जहॉ नर्सिंग होम एक्ट के तहत निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है जिस कारण मरीजों को लूटा जा रहा है जिस तरह की सुविधा नर्सिंग होम एक्ट के तहत नर्सिंग होम में मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पा रहा है।

जांच सेंटरों में कई तरह की खामियां
कोरिया व एमसीबी जिले में दर्जनों की संख्या में सैंपलों के जॉच सेंटर संचालित है आलम यह है कि कई जॉच सेंट तो एक छोटे से कमरे में संचालित हो रही है। वहॉ पर यूरिन व अन्य कलेक्शन के लिए अलग सुरक्षित कक्ष भी नही है। बाथरूम की व्यवस्था नहीं है, कलेक्शन सेंटरों के नाम से उन्हें लायसेंस दिया गया है और वो जांच कर रहे है, ऐसा चिरमिरी में ज्यादा देखा जा रहा है। वहीं तंग कमरें में पैथोलॉजी लैब संचालित है। वहीं मेडिकल अवशिष्ट के निपटान की कोई व्यवस्था नहीं है, सडक़ किनारे मेडिकल अवशिष्ट फेंक कर जला दिया जाता है।

एक्सरे सेंटर में भी नहीं हो रहा पालन
कोरिया जिले सहित पडोसी जिला एमसीबी में कई निजी एक्सरे सेंटर संचालित है जहां पर नर्सिंग होम एक्ट के नियमों पालन नही किया जा रहा है जबकि इसके लिए सख्त नियम बनाये गये है। एक्सरे सेंटर जहां रेडियेशन का खतरा रहता है वहां पर निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए लेकिन कोई सेंटर में नियमों का पालन नहीं हो रहा है और न ही नियम विरूद्ध चल रहे ऐसे सेंटरों पर कभी नर्सिंग होम एक्ट के तहत कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

फर्जी डिग्रीधारी के भरोसे जांच सेंटर
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर समेत जिले भर में कई पैथोलैब जांच सेंटर के अलावा एक्स रे सेंटर भी संचालित है जिनमें से कुछ जांच सेंटरों में तो प्रशिक्षित कर्मी भी नही है और कुछ सेंटरों में है भी तो उनकी डिग्री संदेहास्पद है यानी फर्जी डिग्रीधारी है। ऐसे में समस्त जांच सेंटरों के कर्मियों की डिग्री की जॉच होनी चाहिए। यह संवेदनशील मामला है  जिसके संबंध में जॉच कर कार्यवाही करने की जरूरत है। वही कई जांच सेंटरों में अप्रशिक्षत लोगों को काम पर रखा गया है कई बार उन्ही के द्वारा कुछ जांच पूरी कर रिपोर्ट दे दी जाती है।

मनमाने दर पर जांच
पैथोलॉली सेंटरों सहित नर्सिग होम में अलग अलग जांच के दर निर्धारित है। परन्तु मरीजों से अनाप शनाप वसूले जा रहे है। दरअसल, मरीज को विभिन्न जांच की दर का पता नहीं होता है, चिकित्सक ने जहां भेजा मरीज वहां पहुंचता है, जहां मनमाने दर पर जांच की राशि ले ली जाती है, सीबीसी जांच के लिए 200 से 250 रू दर है, परन्तु कई नर्सिग होम और लेैब 300 से 400 रू तक वसूल रहे है यही हाल हार्ट फंक्शन, किडनी फंक्शन, सहित अन्य जांचों का है। जिला प्रशासन को चाहिए कि हर जांच के लिए निर्धारित दर फिक्स कर दिया जाए ताकि आम आदमी लूटने से बच सके।
 

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