कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव की अनुशंसा पर भाजपा जिला अध्यक्ष की सूची प्रदेश महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी केदार कश्यप द्वारा जारी की गयी। जिसमें कोरिया भाजपा के पद पर दुबारा कृष्ण बिहारी जायसवाल को कोरिया जिला भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। सोशल मीडिया में उन्हें काफी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता बधाई दे रहे है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि भाजपा द्वारा कृष्ण बिहारी जायसवाल को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही वे अब विधायक टिकट के दावेदारों की सूची से बाहर हो गए है और अब वे कम से कम लोकसभा चुनाव 2024 तक भाजपा के जिला अध्यक्ष रहेगें।
विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा ने संगठन की टीम को मैदान में उतार दिया है। कोरिया में किसी भी तरह का बदलाव संगठन ने नहीं किया। दोबारा कृष्ण बिहारी जायसवाल को एक विधानसभा के जिले का प्रभार सौपा है। हलांकि अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि श्री जायसवाल भाजपा को चुनाव में कितना फायदा पहुंचा सकते है। अविभाजित कोरिया के अध्यक्ष रहते चिरमिरी और मनेन्द्रगढ़ में उनका खुलकर विरोध हुआ, शुरूआती दौर में काफी विवाद भी हुआ, एमसीबी के अलग होने की घोषणा के बाद कोरिया जिलाध्यक्ष को लेकर चिरमिरी और मनेन्द्रगढ़ के भाजपाईयों ने विरोध के स्वर कम कर दिए, वहीं कोरिया जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल के करीबी व कोषाध्यक्ष राहुल सिंह की केमिस्ट्री देखते ही बनती थी, यह माना जा रहा था कि एमसीबी के जिलाध्यक्ष के लिए राहुल सिंह का नाम सबसे आगे है। परन्तु जब सूची आई तो मनेन्द्रगढ के जिला अध्यक्ष अनिल केशरवानी को कमान सौपी गई है, श्री केशरवानी पार्टी के वरिष्ठ के साथ बेहद गंभीर नेता माने जाते है। चर्चा है कि जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल अब तक विधायक के टिकट के दावेदारों में शुमार थे, परन्तु अब उन्हें संगठन की फिर से जिम्मेदारी देकर उन्हें दावेदारी से किनारे कर दिया गया है।
कोरिया में नफे नुकसान पर अभी से चर्चा
कोरिया में भाजपा के जिला अध्यक्ष को रिपीट करने को लेकर अभी से नफे नुकसान को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
कुछ असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि अभी तक बीते लगभग 4 वर्षो में भाजपा अपने मजबूत विपक्ष के रूप मे जनता के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाई है।
अवैध रेत का मामला हो, स्वास्थ्य विभाग में घोटालों की बात हो, रायल्टी घोटाले के साथ कांग्रेस की नाकामी पर भाजपा को विरोध कहीं नजर नही आया, इसके अलावा जिला पंचायत चुनाव से लेकर तमाम नगरीय निकाय के चुनावों में भाजपा ने अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस लाने कोई खास मशक्कत नहीं दिखी। इसके अलावा कोरिया विभाजन के खिलाफ भी भाजपा का कोई बड़ा प्रदर्शन लोगों ने नही देखा। बहरहाल विधानसभा 2023 में भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ बड़ी मैदान में उतरने के लिए दुबारा बनाए गए जिला अध्यक्ष किस तरह की रणनीति बनाते है, यह वक्त बताएगा।