राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : देशभर में ईडी...
28-Jun-2023 5:43 PM
राजपथ-जनपथ : देशभर में ईडी...

देशभर में ईडी... 

मोदी सरकार की दूसरी पाली में ईडी की धमक देशभर में सुनाई दे रही है। ईडी ने पिछले चार साल में कुल 7 सौ से अधिक केस दर्ज किए हैं। इनमें से राजनेताओं पर कुल 180 केस दर्ज हुए हैं। छत्तीसगढ़ में भी ईडी की कार्रवाई तेज रफ्तार से चल रही है। यहां अभी सिर्फ 3 नेताओं पर ही कार्रवाई हुई है। इनमें कांग्रेस विधायक द्वय देवेन्द्र यादव, चंद्रदेव राय, और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल हैं।

हालांकि कई और नेताओं के यहां ईडी ने जांच पड़ताल की है। लेकिन अभी किसी और खिलाफ प्रापर्टी अटैच, या गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई नहीं की है। विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं। राजनीतिक हल्कों में ये चर्चा है कि आने वाले दिनों में ईडी कई और को निशाने पर ले सकती है। चर्चा है कि ईडी ने जांच के लिए कुछ नए सेक्टर खोज लिए हैं। देखना है कि आगे क्या कुछ हो सकता है।

धरसीवां में एक अनार सौ बीमार

विधानसभा चुनाव में चार महीने बाकी रह गए हैं। ऐसे में भाजपा में रायपुर शहर से सटे धरसींवा विधानसभा में टिकट के लिए दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। दावेदार एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत भी कर रहे हैं। पिछले दिनों रायपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष अनिमेश कश्यप (बॉबी) को हटा दिया गया। हटाने की एक वजह दावेदारों की शिकायत भी थी।

अनिमेष को धरसींवा से टिकट का दावेदार माना जा रहा है। इससे परे पूर्व विधायक देवजी पटेल की स्वाभाविक दावेदारी है। रायपुर से अंजय शुक्ला भी धरसींवा में सक्रिय हैं, और वो भी टिकट मांग रहे हैं। इसके अलावा पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा भी धरसींवा से टिकट चाहते हैं। इनके अलावा अशोक सिन्हा, दिलेन्द्र बंछोर सहित कुछ कारोबारियों की नजर भी धरसींवा सीट पर है। यहां दावेदारों में इतनी खींचतान है कि कुछ लोग तो सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं। कहा जा रहा है कि धरसींवा से प्रत्याशी तय करने में पार्टी को सबसे ज्यादा मुश्किल आ सकती है।

एनएच पर खड़े यमराज..

शायद ही कोई दिन गुजरता हो छत्तीसगढ़ में भारी वाहनों के कारण सडक़ दुर्घटनाएं न होती हों। इसके लिए जरूरी नहीं कि वह सडक़ पर दौड़े, खड़े होने पर भी जान-माल की हानि हो सकती है। यह राजधानी रायपुर की सडक़ है जहां शहर के भीतर नो पार्किंग पर खड़ी दोपहिया गाडिय़ों, कारों का रोज चालान कर पुलिस प्रेस नोट जारी करती है। वहीं  नेशनल हाईवे पर भाटागांव के सामने रात में कतार में ट्रकों को इस तरह से खड़ा कर दिया गया है मानो वह पार्किंग की जगह हो। रोजाना यही हाल होता है। 

‘बस्तर’ एजेंडे वाली फिल्म तो नहीं?

इस साल जनवरी माह में रायपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस लेकर मुंबई की एक प्रोडक्शन कंपनी डी. सोनी ने झीरम हमले पर फिल्म बनाने की घोषणा की थी। यह फिल्म कांग्रेस नेताओं की नक्सली हिंसा में मारे जाने की घटना पर आधारित होने की बात कही गई थी। छत्तीसगढ़ में भी इसकी शूटिंग होनी थी, पर यह अभी किस मुकाम पर पहुंची है, कोई घोषणा नहीं की गई है। हो सकता है अचानक विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रिलीज हो जाए। पर जब तक निर्माता –निर्देशक इस बारे में नहीं बताएंगे, कुछ नहीं कहा जा सकता।

इधर ‘द केरला स्टोरी’ की निर्माता कंपनी सनशाइन प्रोडक्शन की ओर से सोशल मीडिया पर ऐलान किया गया है कि वे बस्तर पर फिल्म बनाएंगे। घोषणा के साथ ही इसके रिलीज की तारीख भी घोषित कर दी गई है- 5 अप्रैल 2024। फिल्म की पटकथा क्या है इस पर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन पोस्टर में कहा गया है कि- एक छिपा हुआ सच, जो देश में तूफान लेकर आएगा।

इसके पहले लाल सलाम (नंदिता दास), रेड अलर्ट (सुनील शेट्टी, समीरा रेड्डी), चक्रव्यूह (प्रकाश झा), बुद्धा इन ट्रैफिक जाम ( विवेक अग्निहोत्री), न्यूटन (राजकुमार राव) जैसी कुछ फिल्में आ चुकी हैं जिनमें अलग-अलग कोण से बस्तर की माओवादी समस्या का जिक्र है। अब तक बस्तर के सभी पहलुओं को किसी एक फिल्म में समेट पाना किसी भी निर्माता के लिए मुमकिन नहीं हो पाया, है भी नहीं।

द केरला स्टोरी के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और निर्देशक सुदीप्तो सेन विवादों में घिरे हुए हैं। उन्होंने इस फिल्म के टीजऱ में दावा किया गया कि केरल की 32 हजार लड़कियों का धर्मांतरण कर दिया गया और सीरिया ले जाकर उन्हें आतंकियों के संगठन में भर्ती करा दिया गया। कर्नाटक चुनाव के पहले यह फिल्म रिलीज हुई थी। केरल सरकार ने इस फिल्म को रिलीज करने पर रोक लगाई। कहा कि यह उनके प्रदेश की छवि खराब करने के लिए बनाई गई फिल्म है। कई काउंटर तथ्य सामने रखे जाने के बाद 32 हजार लड़कियों की लाइन वापस लेनी पड़ी। पता चला कि सिर्फ दो चार लड़कियों का मामला है। द केरला स्टोरी फिल्म का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में भी किया। फिल्म रिलीज करने की टाइमिंग और कई गलत तथ्यों के चलते निर्माताओं पर आरोप लगा कि यह फिल्म खास एजेंडे से बनाई गई है। अब इन्हीं निर्माताओं की फिल्म बस्तर, ठीक लोकसभा चुनाव से पहले आ रही है। निर्माताओं ने छिपा हुआ सच सामने लाने का दावा किया है।  फिल्म निर्माताओं ने जरा भी संकेत नहीं दिया है कि वे  किस पहलू को फिल्म में दिखाने वाले हैं। क्या सुरक्षा बलों और नक्सलियों की ज्यादती पर आधारित होगी,  तालमेटड़ा और झीरम जैसी घटनाओं पर होगी या फिर अभी धर्मांतरण पर?

पहला ट्राइबल इंटरनेशनल क्रिकेटर

जशपुर के खिलाडिय़ों ने खेलों में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोहा मनवाया है। हॉकी और फुटबाल में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। अब व्यावसायिक क्रिकेट में भी उनकी इंट्री हो रही है। जशपुर के प्रशांत पैकरा काफी समय से बतौर गेंदबाज छत्तीसगढ़ की टीमों में खेल रहे हैं। इसी सिलसिले में वे अंडर 25 वन डे ट्रॉफी खेलने के लिए मुंबई गए थे। वहां मुंबई इंडियंस कंपनी के स्काउट ने उन्हें देखकर सपोर्ट बॉलर के रूप में चुन लिया है। प्रशांत दायें हाथ के गेंदबाज हैं और 135 किलोमीटर की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं। उन्हें ट्रेनिंग के लिए इंग्लैड भेजा जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने की पूरी संभावना है और तब वे पहले आदिवासी इंटरनेशनल खिलाड़ी हो जाएंगे। उनके साथ रांची के ही आदिवासी युवक रॉबिन मिंज को भी चुना गया है वे भी इंग्लैंड प्रशिक्षण लेने इंग्लैंड जाएंगे।

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