राजपथ - जनपथ
राजनाथ ये क्या कह रहे...
विधानसभा चुनाव के चलते एक के बाद एक केन्द्रीय मंत्री प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं, और प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर सभाएं भी हो रही हैं। शनिवार को कांकेर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा हुई। उनकी एक और सभा बालोद में 30 तारीख को प्रस्तावित है। राजनाथ सिंह को ओजस्वी वक्ता माना जाता है, लेकिन इस बार का भाषण ज्यादातर कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया।
राजनाथ सिंह छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। वो तकरीबन पूरा छत्तीसगढ़ जा चुके हैं। स्थानीय बड़े नेताओं, और प्रमुख कार्यकर्ताओं को नाम से जानते हैं। उनसे उम्मीद थी कि वो छत्तीसगढ़ से जुड़े विषयों पर बात करेंगे। मगर उनका भाषण अमेरिका से फ्रांस और जर्मनी होते हुए भारत पहुंचा, और छत्तीसगढ़-सरकार पर काफी कम बातें कही।
भीड़ में ज्यादातर गांवों के लोग थे। जिन्हें भाषण काफी बोरिंग लगा, और भाषण के बीच में ही लोग निकलने लगे। अब जब राजनाथ का दोबारा दौरा प्रस्तावित है, तो इससे पहले ही बालोद के कई नेताओं ने प्रदेश के नेताओं से कह दिया है कि या तो राजनाथ जी की जगह किसी अन्य नेता का दौरा तय करें अथवा उन्हें (राजनाथ जी) अपना भाषण छत्तीसगढ़ पर ही केंद्रित करने का सुझाव दें। बालोद के नेताओं के इस सुझाव की खूब चर्चा हो रही है। देखना है कि बालोद के नेताओं के सुझाव पर अमल होता है या नहीं।
नान स्टाप एसी बसें क्यों नहीं?
देशभर में वंदेभारत ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों भोपाल में नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग रूटों पर एक साथ पांच वंदेभारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। भोपाल से इंदौर की वंदेभारत में वे स्वयं मौजूद थे, बाकी जगह वर्चुअली उद्घाटन किया गया। इंदौर भोपाल में लोग सवाल उठा रहे हैं कि वे आखिर वंदेभारत में क्यों सफर करें। वजह इसका किराया 900 रुपये से अधिक है और बीच में एक स्टापेज भी है। दूसरी तरफ दिन भर इंदौर-भोपाल के बीच नान स्टाप एसी बसें चलती हैं। किराया लगभग एक तिहाई 330 रुपये है। भोपाल इंदौर के बीच की दूरी वंदेभारत 3 घंटे 10 मिनट में तय करती है जबकि एसी बसें 3 घंटे में ही पहुंचा देती हैं। इन सबके बावजूद वंदेभारत को यात्री नहीं मिलेंगे, ऐसा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ट्रेन का सफर लोग आरामदायक मानते हैं, कई लोग स्टेटस सिंबल के लिए भी इसमें सफर करते हैं। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेन में पर्याप्त यात्री नहीं मिलने के कारण बोगियां 15 से घटाकर 8 कर दी गई हैं। रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे होने का दावा किया जाता है लेकिन औसत रफ्तार 85 से 90 किलोमीटर के बीच ही मिल रही है। अधिकतम 130 किलोमीटर की रफ्तार से इसे चलाया जा रहा है। बात यह भी उठती है कि बिलासपुर से रायपुर के बीच इंदौर भोपाल की तरह नान स्टाप एसी बसें क्यों नहीं चलाई जा रही है। प्रमुख मार्गों के लिए एसी बसें चलाने की योजना भाजपा सरकार के समय बनी थी। एक दो एसी बसें बिलासपुर रायपुर, रायपुर दुर्ग, रायपुर नागपुर के बीच चल रही हैं लेकिन वे नान स्टाप होने के बावजूद सवारियों के लिए रास्ते में रोक दी जाती हैं। यदि समयबद्धता का पालन करने के लिए बस चालकों पर नजर रखी जाए तो लोगों को एसी बसों में आरामदायक यात्रा कम खर्च में करने का मौका मिल सकता है।
गाड़ी नहीं सुधरी तो आगाह किया..
सागर, मध्यप्रदेश के इस व्यक्ति ने एक ओला इलेक्ट्रिक बाइक खऱीदी। समस्या आने पर उसने कंपनी को फोन किया, डीलर से संपर्क किया, पर उनको कोई सहायता नहीं मिली। किसी तरह बाहर से उन्होंने गाड़ी ठीक कराई। ओला की तौर-तरीके पर विरोध जताने के लिए गाड़ी के सामने उन्होंने लिखवा लिया- ले मत लेना।
हेलीकॉप्टर का मालिक बनेगा किसान
सफेद मूसली और काली मिर्च की खेती कर करोड़पति बने कोंडागांव के किसान राजाराम त्रिपाठी अब हेलिकॉप्टर खऱीदने जा रहे हैं। उनके मुताबिक यूं तो उन्हें इसकी खास जरूरत नहीं है पर युवा पीढ़ी को वे बताना चाहते हैं कि वे नौकरी के पीछे नहीं भागें। खेती में भी बहुत कमाई की जा सकती है। त्रिपाठी को उत्कृष्ट खेती के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उनकी उन्नत खेती को देखने के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं, दूसरे राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। चार सीटर हेलिकॉप्टर की कीमत करीब 7 करोड़ रुपये है, जिसके लिए हालैंड की एक कंपनी को एडवांस दिया जा चुका है। ([email protected])