राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बाघिन की लाड़, शावक की मस्ती
04-Jul-2023 2:58 PM
राजपथ-जनपथ : बाघिन की लाड़, शावक की मस्ती

बाघिन की लाड़, शावक की मस्ती

कान्हा टाइगर रिजर्व में वन विभाग से अनुमति लेकर, कुछ नियमों कायदों का पालन करते हुए रात के वक्त न केवल जंगल सफारी की जा सकती है बल्कि तस्वीरें, वीडियो भी बनाए जा सकते हैं। नोमैड वाइल्डरनेस चैनल पर स्वच्छंद, निश्चिंत बाघिन और उसके शावक का एक छोटा सा खूबसूरत वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें शावक अपनी बाघिन मां के शरीर को जगह जगह जीभ से फेर कर प्रेम उड़ेल रहा है। जवाब में बाघिन भी शावक को लाड़ देती है। दोनों पर कैमरे की भरपूर रोशनी पड़ रही है लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ऐसा लगता है कि वे इसके अभ्यस्त हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व के गार्ड भी पर्यटकों को बताते हैं कि उन्हें किन नियमों का पालन करते हुए रात की सफारी करनी है।

ये पहल सब जगह होनी चाहिए

तमिलनाडु सरकार ने होटलों और लॉज मालिकों के लिए आदेश जारी किया है कि वे अनिवार्य रूप से अपने मेहमानों के ड्राइवरों के विश्राम के लिए बेडरूम की व्यवस्था करें।
तमिलनाडु आवास एवं शहरी विकास विभाग ने यह संशोधित आदेश पिछले सप्ताह जारी किया। आदेश में कहा गया है कि शयनगृह में बिस्तरों की संख्या होटल में गाडिय़ों के लिए दी गई पार्किंग की जगह के अनुपात में हो। यह भी कहा गया है कि ड्राइवर के लिए जो बिस्तर होंगे उसके चारों ओर चलने की जगह होनी चाहिए। यानि रूम इतने छोटे न हों कि ठीक तरह से पैर ही न फैल सकें।  प्रत्येक आठ बिस्तर के लिए कम से कम एक बाथरूम और एक टॉयलेट अलग-अलग दिया जाना चाहिए। यह जगह या तो होटल परिसर में हो या फिर अधिकतम होटल से 250 मीटर की दूरी पर।

इस जरूरी मानवीय पहलू पर तमिलनाडु का ध्यान गया है। होटलों में पार्किंग स्थल हों, इसके लिए तो शहरी विकास विभाग समय-समय पर आदेश निकालता है। पर, यह ध्यान नहीं दिया जाता कि लंबी यात्रा में मेहमानों से ज्यादा थकान ड्राइवरों को होती है क्योंकि वे ही स्टेयरिंग संभालते हैं, उन्हें भी आराम चाहिए। जब वे अच्छी तरह विश्राम कर आगे की यात्रा पर निकलेंगे तो सडक दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी। एक विशेषज्ञ का कहना है कि ड्राइवर न केवल वाहन चलाते हैं, बल्कि वे अर्थव्यवस्था के भी संचालक हैं। यदि उनको आराम के लिए अच्छी जगह मिलती है तो सडक़ सुरक्षा में सुधार होगा।

इसी से जुड़ा एक सवाल लंबी यात्रा करने वाले ट्रक ड्राइवरों का है। हाइवे के ढाबों, मोटल में खाने पीने की व्यवस्था होती है। वहां अतिरिक्त सुविधा के रूप में खाट और वाश रूम दे दिया जाता है। इसके लिए वे बाध्य नहीं हैं पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ये सुविधाएं देते हैं। घंटों ड्राइव करते हुए थक जाने के बावजूद ट्रक चालक गाडिय़ां चलाते हैं। ये भी सडक़ सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इनको अनिवार्य रूप से विश्राम की सुविधा एनएच पर मिले, इसके लिए कोई नियम नहीं बना है। एनएच अथॉरिटी हाईवे के रास्ते पर बीच-बीच में ट्रकों को खड़ी करने की जगह छोड़ता है लेकिन वहां कोई और सुविधा नहीं होती।  

पक्षियों के लिए टावर को ना..

फिंगेश्वर ब्लॉक के लचकेरा के ग्रामीणों ने अपने यहां मोबाइल टावर लगाने से मना कर दिया है। दरअसल, इस गांव में हर साल मानसून की शुरूआत में हजारों की संख्या में एशियन ओपन बिल स्टार्क पक्षी पहुंचते हैं। मोबाइल टावर गांव में नहीं लगने के कारण नेटवर्क मिलने में उन्हें थोड़ी परेशानी होती है पर पक्षियों को नुकसान पहुंचने की आशंका को देखकर उन्होंने टावर लगाने के लिए जगह देने से मना कर दिया है। हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ये पक्षी इस बार फिर यहां पहुंच गए हैं। गांव के लोग इसकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करते हैं। किसी ने इन्हें मारा या चोट पहुंचाई तो उसे अर्थदंड देने का नियम पंचायत ने बना रखा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ये पक्षी हमारे गांव में खुशहाली लाते हैं। ये खेतों से हानिकारक जीव जंतु और कीट पतंगों को खा जाते हैं। इनके मल में फास्फोरस, नाइट्रोजन, यूरिक एसिड होते हैं जो फसल के लिए जैविक खाद का काम करता है।

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