राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : ऐन चुनाव के पहले गणित बिगाड़ा
12-Jul-2023 2:45 PM
	 राजपथ-जनपथ : ऐन चुनाव के पहले गणित बिगाड़ा

ऐन चुनाव के पहले गणित बिगाड़ा

रायपुर नगर निगम के एल्डरमैन सुनील छतवानी को पद से हटाने पर विवाद छिड़ा है। छतवानी की जगह कुछ दिन पहले जितेन्द्र बारले की नियुक्ति की गई। छतवानी, रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा के करीबी माने जाते हैं, और उनकी ही अनुशंसा पर एल्डरमैन बने थे। मगर उन्हें हटाया गया, तो चर्चा है कि इसकी भनक कुलदीप को भी नहीं लगी। 

सुनते हैं कि कुलदीप ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सिंधी वोटरों को साधने के लिए छतवानी को एल्डरमैन बनवाया था। छतवानी उनके करीबी माने जाते हैं। चर्चा है कि उन्हें हटवाने में कुलदीप के विरोधी पार्टी नेताओं की भूमिका रही है। सोशल मीडिया पर छतवानी को हटाने की प्रतिक्रिया हुई, तो कुलदीप ने सीएम तक बात पहुंचाई है।

इधर, नये एल्डरमैन जितेन्द्र को सरकार के एक मंत्री का करीबी माना जाता है। ऐसे में फिर से आदेश बदलवाने की गुंजाइश नहीं रह गई है। विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में कुलदीप के लिए मुश्किलें पैदा हो गई है। अब वो चाहते हैं कि छतवानी को कहीं दूसरी जगह एडजस्ट किया जाए, देखना है आगे क्या होता है।


भाजपा में अब किसकी बारी?

विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र, और आरोप पत्र समिति का गठन कर दिया है। मगर चुनाव अभियान समिति की घोषणा बाकी है। पार्टी के शीर्ष स्तर पर चुनाव अभियान के मुखिया के नाम पर मंथन चल रहा है। 

चर्चा है कि तीन प्रमुख नामों पर विचार हो रहा है। इनमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, और पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय हैं। अभियान समिति के मुखिया को पार्टी के भीतर सीएम पद का एक चेहरा भी माना जाता है। ऐसे में समिति के मुखिया की काफी अहमियत है। देखना है कि पार्टी किस चेहरे को आगे करती है। 

सी-मार्ट में हरेली का किट

हरेली तिहार के साथ बांस से बने गेड़ी पर चढऩे की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ी त्यौहारों को मौजूदा सरकार प्रोत्साहित कर रही है। इसी कड़ी में अब स्थानीय उत्पादों वाली दुकान सी-मार्ट में भी गेड़ी की बिक्री की जा रही है। गेड़ी का निर्माण एक कला है। दो बांस में बराबर दूरी पर कील लगाई जाती  है। एक और बांस के दो इतने बड़े टुकड़े काटे किए हैं कि उसे बांस में बांधने के बाद पैर रखने के लिए जगह बन सके। हरेली के दिन गेड़ी पर चढक़र बच्चे आनंद उठाते हैं। जिसकी गेड़ी जितनी ऊंची होती है, उसे उतनी ही वाहवाही मिलती है। शहर में रहने वालों को सी मार्ट का बना बनाया गेड़ी विलुप्त हो रही परंपरा की जरूर याद दिलाएगा, पर गांवों में गेड़ी बनाने और इस पर चढक़र दौड़ लगाने से जो सामूहिक मेल-मिलाप का अवसर पैदा होता है, उसकी बात अलग है।

तीन माह पहले तय होंगे टिकट?

क्या छत्तीसगढ़ में  कांग्रेस आधी से अधिक सीटों पर विधानसभा चुनाव से तीन माह पहले टिकट घोषित कर देगी?
कर्नाटक के विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने ऐसा किया था। वहां करीब ढाई महीने पहले 100 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए थे।

पांच दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस? कार्यसमिति की बैठक खास तौर पर राजस्थान की चुनावी रणनीति तय करने के लिए बैठक हुई थी। इसमें यह तय किया गया कि 50 फ़ीसदी तक सीटों में उम्मीदवार ढाई से तीन महीने पहले घोषित कर दिए जाएं। 

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी हाईकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है कि बिना विवाद वाली सीटों पर पहले ही उम्मीदवार घोषित कर देना ठीक होगा।

छत्तीसगढ़ पर अलग से बात नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि दोनों राज्यों की तरह यहां भी यही रणनीति अपनाई जाएगी।

दूसरी ओर, यह सवाल बना हुआ है कि ऐसी सीटों की संख्या कितनी हैं, जिनमें प्रत्याशी के नाम को लेकर विवाद नहीं हो? ढाई-तीन महीने पहले तय कर देने अधिकृत प्रत्याशी को तो मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा लेकिन उतना ही मौका दूसरे दावेदारों को मिल जाएगा जो बगावत कर खेल बिगाड़ देंगे।

आलोक मौर्य से प्रेरित शिकायत

यूपी के बरेली की एसडीएम ज्योति मौर्य और उसके पति आलोक मौर्य के बीच चल रहे विवाद की जानकारी सोशल मीडिया की बदौलत देशभर में फैल गई है। इसका असर गांव कस्बों में भी दिखाई दे रहा है। कोरबा कलेक्टर के पास आलोक मौर्य की तरह एक शिकायत एक मजदूर ने की है। उसका कहना है कि उसने मजदूरी के पैसे जोड़-जोड़ कर शादी के बाद अपनी पत्नी को पढ़ाया और वह शिक्षाकर्मी बन गई। नौकरी मिलने के कुछ समय बाद वह बिना शादी किए ही एक दूसरे व्यक्ति के साथ रहने लग गई। ? पहले से उसके दो बच्चे थे अब उसके पुरुष मित्र से भी एक बच्चा हो गया है। 

इस मामले का दूसरा पहलू यह है कि शिक्षिका पत्नी ने भी अपने पति के खिलाफ प्रताडऩा की शिकायत की है और परिवार परामर्श केंद्र ने भी बयान दिया है। पति का कहना है कि शिकायत झूठी है।

कौन कितना सही या गलत है, यह अनुमान अभी लगाना मुश्किल है। पर यह मुद्दा दिखाता है कि सोशल मीडिया किस तरह कितनी दूर तक अपना असर छोड़ रही है।

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