राजपथ - जनपथ
बेमिसाल श्रीनिवास राव
सीएम, और डीजीपी के समकक्ष हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले ही सबसे जूनियर पीसीसीएफ वी.श्रीनिवास राव को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाया गया था। अब इससे जुड़ी नई खबर यह है कि कांग्रेस शासित तीन राज्य हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, और हाल ही में कर्नाटक में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के पद पर पदोन्नति हुई। छत्तीसगढ़ से परे तीनों राज्यों में सीनियरटी को ही तरजीह दी गई।
हिमाचल प्रदेश में 88 बैच के राजीव कुमार हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स हैं, तो राजस्थान में मुनीश गर्ग और कर्नाटक में बृजेश कुमार दीक्षित को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाया गया है। दीक्षित 88 बैच के आईएफएस हैं, और उन्हें फॉरेस्ट के शीर्ष पद पर कल ही पदोन्नति दी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ में उनके बैचमेट सुधीर अग्रवाल पदोन्नति से रह गए।
सबसे जूनियर पीसीसीएफ को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाने के बाद आईएफएस अफसरों में नाराजगी झलक रही है। बताते हैं कि कुछ दिन पहले कैडर रिव्यू के लिए सीनियर आईएफएस अफसरों की कमेटी बनाई गई थी। दो सीनियर अफसरों ने कमेटी में रहने से साफ तौर पर मना कर दिया। आने वाले दिनों में पदोन्नति से जुड़ा विवाद अदालत तक जा सकता है। वैसे श्रीनिवास राव की कुछ खूबियाँ हैं, जिनका मुक़ाबला और कोई नहीं कर सकते।
13 में से 11 मंत्री सूची में, लेकिन खटाई में
भाजपा की दूसरी सूची जारी होने से पहले लीक हो गई और फिर रूक भी गई। अशोक रोड में टाइप होने से पहले वाट्सएप पर आ गई। उसके बाद तो एक एक नाम पर बधाई,और आपत्तियों का सिलसिला चल निकला । यह सिलसिला इतना मजबूती से चला की सूची ही रोकनी पड़ी। सूची के विश्लेषकों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों से ना,ना कर रहे संगठन ने उन्ही नेताओं को टिकट दे दिया जो सरकार की हैट्रिक के बाद चौका लगाने का अवसर न मिलने का कारण बने। यानी 2013-18 के पूरे मंत्रिमंडल को ही दोबारा मैदान में उतारने का फैसला किया । इनमें सीएम रमन सिंह, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे, लोनि मंत्री राजेश मूणत, नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल, उद्योग मंत्री दयालदास बघेल, सहकारिता मंत्री ननकीराम कंवर, शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, उच्च शिक्षा मंत्री अजय चंद्राकर, वन मंत्री महेश गागड़ा, श्रम मंत्री भैयालाल राजवाड़े।
बस बेचारी रमशीला साहू, महिला बाल विकास मंत्री और गृह मंत्री रामसेवक पैकरा को छोड़ कर। और यही मंत्रिमंडल, सूची अटकने का भी कारण बना है।
लिस्ट और तैयारी
भाजपा प्रत्याशियों की सूची लीक होने के बाद पार्टी में बवाल मचा है। हालांकि पार्टी ने साफ कर दिया है कि सूची जारी नहीं हुई है, और इसमें हफ्ते भर का समय लग सकता है।
बावजूद इसके कई जगहों पर विरोध जारी है।
दूसरी तरफ, सूची में नाम आने के बाद कई नेता बेफिक्र हो गए हैं। पुरंदर मिश्रा तो चुनाव तैयारियों में जुट गए हैं। उन्होंने प्रचार के लिए नई इनोवा भी खरीद ली है। अब अधिकृत सूची में उनका नाम रहता है या नहीं यह देखना है।
वक्त-वक्त की बात
राजनीति में वक्त वक्त की बात रहती है नंदकुमार साय ने भाजपा की टिकट पर रायगढ़ से लोकसभा जाने की कोशिश की और दो बार उन्हें पुष्पा देवी सिंह ने हराया। साय लोकसभा पहुंचे जरूर लेकिन सरगुजा से। बुधवार को रायगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के कार्यक्रम में रायगढ़ की अकेली भूतपूर्व कांग्रेसी सांसद पुष्पा देवी दूसरी कतार में बैठीं और नंदकुमार साय पहली कतार में। वैसे साय रायगढ़ से भी एक बार जीत चुके हैं।
सिंधी समाज खफ़़ा
सिंधी समाज से एक भी नेता को प्रत्याशी नहीं बनाने की चर्चा के बाद से नाराजगी देखी जा रही है। चर्चा है कि पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने तो पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को खरी-खोटी सुनाई है। वो अपनी टिकट कटने के लिए बृजमोहन को जिम्मेदार मान रहे हैं।
कई नेता सुंदरानी को मनाने में लगे रहे। बाद में सुंदरानी का बयान भी आ गया कि वो पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे। बावजूद इसके उनके समर्थकों में नाराजगी देखी गई।
बताते हैं कि सिंधु भवन में समाज के लोगों की बैठक बुलाई गई थी। बड़ी संख्या में लोग आने के लिए तैयार भी थे, मगर बाहर सुंदरानी के विरोधी खड़े हो गए, और उन्होंने ज्यादातर लोगों को गेट से ही रवाना कर दिया।
बैठक में चुनिंदा लोग ही रह गए। हालांकि यह भी चर्चा है कि सिंधी समाज से एक टिकट देने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। देखना है आगे क्या होता है।