राजपथ - जनपथ
संस्कृति जिंदा है
आसमान में उड़ान भरते इन कागज के टुकड़ों से तो आप वाकिफ होंगे। राजधानी रायपुर में ये विरले नजर आते हैं। इंसान धरती के टुकड़ों को अपने आशियाने की खातिर पाने की जद्दोजहद में है तो ये ‘पतंग’ आसमान पर अपनी जगह बनाने की कोशिश करते दिखे।
चिटफंडिया क्रिप्टोकरंसी..
आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स और पूरी रकम पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने की बजट घोषणा के बाद क्रिप्टोकरंसी बाजार में हडक़ंप मच गया है। पहले बिटक्वाइन के बारे में ही लोगों को पता था पर अब एथेरियम, एक्सआरपी, सोलाना, टेर्रा, कार्डानो, पोल्काडॉट और स्टेल्लर जैसे कई प्लेटफॉर्म आ गये हैं। हाथ में कोई कागज नहीं आता, इंटरनेट पर ही सारा डाक्यूमेंट देखा, पढ़ा जा सकता है। एक बार पासवर्ड भूल गये तो फिर अपने हिसाब को एक्सेस करना, पैसे पाना बड़ा कठिन है। बजट घोषणा के बाद अनेक क्रिप्टो करंसी के दाम 50 प्रतिशत तक घट गये। लोगों को बड़ा नुकसान हुआ। पर इसका आकर्षण खत्म नहीं हुआ है।
इधर, चिटफंड की तरह इसमें भी धोखाधड़ी की शिकायतें आ रही हैं। धमतरी की खबर है कि वहां लोगों से अब तक तीन करोड़ रुपये की उगाही क्रिप्टो करंसी में निवेश के नाम पर की जा चुकी है। लोगों को एक निश्चित रकम हर माह देने का वादा किया गया है, जबकि किसी क्रिप्टोकरंसी में ऐसी कोई स्कीम नहीं होती। रेट बढऩे-घटने का ब्यौरा तो अब टीवी चैनल भी दिखा रहे हैं।
अब तक पुलिस में कोई शिकायत नहीं हुई है, पर शिकायत चिटफंड से ठगे गये लोगों ने भी तो बहुत देर बाद की थी। जल्दी पैसा बनाने की हर स्कीम के पीछे झांसा हो सकता है। लोगों को लूटने का यह नया तरीका तो नहीं?
खरीदी केंद्र की फसल
सहकारी समितियां लाख दावा करें, खरीदे गये धान की हर साल बड़ी बर्बादी होती है। नेता प्रतिपक्ष ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि धान की हिफाजत नहीं करने के कारण 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सरकार ने शेड बनाने का काम मनरेगा के मद से शुरू किया था, पर केंद्र ने इस पर खर्च करने से मना कर दिया। पर तारपोलिन की व्यवस्था भी समितियां नहीं कर सकीं। इसका क्या नतीजा हुआ है यह कोटा ब्लॉक के चपोरा धान खरीदी केंद्र की इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है। वहां बोरियों से धान अंकुरित होकर फूट गया है और फसल तैयार हो रही है।