राजपथ - जनपथ
मुफ्त सौगातों के लिये तैयार रहें..
सुप्रीम कोर्ट की तल्खी के बावजूद मतदाताओं को लुभाने के लिये मुफ्त योजनाओं पर यूपी की प्राय: सभी प्रमुख दलों ने फोकस किया। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना, बिजली बिल हाफ और कर्ज माफी का तो बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्नति विधान घोषणा पत्र जारी करते हुए दो-तीन बार उल्लेख किया और इन योजनाओं को वहां लागू करने की बात की। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कॉलेज पास करने वाली लड़कियों ने स्कूटी फ्री देने की घोषणा की है। इस घोषणा से प्रदेश के राजस्व पर कितना बोझ पड़ेगा, यह चुनाव जीतने वालों ने सोचा नहीं होगा पर वोट तो जरूर मिल जायेंगे। तमिलनाडु में स्व. जयललिता ने मुफ्त रंगीन टीवी घरों में देने का अपने वक्त में वायदा किया था और उसे निभाया भी। अब छत्तीसगढ़ की जनता को इंतजार करना चाहिये। स्कूटी खरीदने की सोच रहे हों, तो दो साल इंतजार कर लें।
और हां, भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर जीत गये और उनको मंत्रिमंडल में जगह मिली तो बाइक में तीन सवारी पर चालान नहीं कटेगा। हर चुनाव में लोग तरह-तरह के जुर्म से माफी का वायदा मांग सकते हैं।
ऐसे निकला फ्लाइट से उडऩे का रास्ता
एक सज्जन को पूर्वोत्तर के राज्य से निमंत्रण मिला। घूमने-फिरने का, फ्लाइट टिकट भी भेज दी गई। पर उड़ान से पहले जरूरी था कि 72 घंटे पहले तक का आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव हो। चेक कराया, रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। दिक्कत में पड़ गये। कोरोना तो उनको एक माह पहले हुआ था, अब तो भले-चंगे थे, फिर ये रिपोर्ट कैसे? लैब इंचार्ज से उलझ पड़े। उन्होंने बताया कि आपके नाम-पते की इंट्री के साथ ही लैब पहचान कर लेती है कि पहले कोरोना हुआ था या नहीं। डेड सेल्स भी हों तो रिपोर्ट पॉजिटिव आयेगी, भले ही आपको लक्षण महसूस न हों। सज्जन समझ गये कि यह उसी लैब में चेक कराने का नतीजा है। उन्होंने दूसरे प्राइवेट लैब में जाकर टेस्ट कराया, वहां उसी दिन रिपोर्ट निगेटिव आ गई। यानि हवाई उड़ान के लिये तैयार, टिकट कैंसिल नहीं करानी पड़ी। वैसे स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह का फर्जीवाड़ा करने से मना कर रखा है।
यूपी चुनाव के बाद बड़ा बदलाव
यूपी चुनाव के बाद भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत है। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी अब अपना ज्यादा समय आंध्रप्रदेश में देना चाहती हैं। यही वजह है कि उनकी जगह किसी अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी के भीतर प्रदेश अध्यक्ष, और नेता प्रतिपक्ष को भी बदलने की दबी जुबान से मांग भी हो रही है। कुछ नेता गुपचुप तौर पर अभियान भी चला रहे हैं, लेकिन ऐसा होगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है। पार्टी के लोग कह रहे हैं, कि यूपी चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा में कुछ नया जरूर होगा। मगर वाकई ऐसा होगा, यह तो देखना होगा।