राजपथ - जनपथ
मौके की नजाकत
चुनाव नजदीक आते ही नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा के फायरब्रांड नेता, और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ स्थानीय प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने यह प्रचारित कर दिया कि वो रायपुर में शिफ्ट हो चुके हैं। कुरूद से लेना-देना नहीं रह गया है। अजय का मौलश्री विहार में बंगला है, और यहां से अपने विधानसभा क्षेत्र कुरूद आना जाना करते रहे हैं। मगर चुनाव के वक्त उनका रायपुर में रहना मुद्दा न बन जाए, यह देखकर वो सपरिवार कुरूद के अपने पैतृक निवास में शिफ्ट हो गए हैं। अजय अपने विरोधियों को कोई मौका नहीं देना चाहते हैंं।
गहना ने निकाह कर लिया...
बॉलीवुड की बोल्ड अभिनेत्री गहना वशिष्ठ, जिसका असल नाम वंदना तिवारी है, का जिक्र होने पर छत्तीसगढ़ के लोगों का ध्यान खिंच ही जाता है, क्योंकि वह यहीं के चिरमिरी में पैदा हुई। उनके पिता कॉलरी में काम करते थे, जो शायद अब रिटायर होकर मध्यप्रदेश में शिफ्ट हो गए हैं।
पिछली बार कुछ अप्रिय सी खबरों के कारण गहना चर्चा में आईं। पुलिस ने जो आरोप लगाए, उसके मुताबिक शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए फिल्में बनाते थे और विदेशों में बेचते थे। गहना वशिष्ठ उनकी सहयोगी थीं। गहना को गिरफ्तार किया गया, जेल भी गईं और जमानत पर छूटीं। गहना अपने को गुनहगार नहीं मानती। वह कहती है कि बोल्ड व इरोटिक फिल्मों में वह काम करती है जो पोर्न फिल्मों से अलग होती है।
बहरहाल, अब गहना वशिष्ठ की चर्चा उनके निकाह को लेकर है। जैसा कि सोशल मीडिया में खबरें चल रही हैं। उसने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है और एक मीडिया एन्फ्लूयेंसर फैजान अंसारी से निकाह कर लिया है।
रेलवे की साख का सवाल
पिछले दो दिन से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें जयरामनगर से गतौरा स्टेशनों के बीच एक ही ट्रैक पर दो गाडिय़ां चलती दिख रही हैं। सामने वाली पैसेंजर ट्रेन है, जबकि पीछे मालगाड़ी है। वीडियो में दिखाया गया है कि यात्री डर के कारण ट्रेन से उतर गए हैं, कहीं मालगाड़ी पीछे से आकर पैसेंजर को टक्कर न मार दे। इस पर रेलवे की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया है कि ऑटो सिग्नलिंग प्रणाली के चलते एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों का एक के पीछे एक चलना अब मुमकिन है। ऐसा काफी दिनों से किया जा रहा है। दो ट्रेनों को एक ही पटरी पर तो चलाई जाएगी लेकिन उनके बीच सुरक्षित दूरी बनी रहेगी। रेलवे की यह बात सही लग रही है क्योंकि कुछ माह पहले भी इस तरह के वीडियो वायरल हुए थे।
पर, बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद यात्रियों के सुरक्षा के मुद्दे पर रेलवे की साख गिरी है। यात्रियों में भी अपनी जान-माल की हिफाजत की चिंता बढ़ गई है। रेलवे के लिए चुनौती है कि वह यात्रियों को आश्वस्त कर सके कि बालासोर जैसा भीषण हादसा फिर नहीं होगा। उसे लदान की ही नहीं यात्रियों की भी फिक्र बराबर है।
भजन रामनामी समाज का
महानदी के तट पर कई गांवों में रामनामी समाज के लोग बसे हैं। अपने आप में एक अनूठी परंपरा निभाते चला आ रहा है यह संप्रदाय। इनके पूरे शरीर पर राम नाम का गोदना गुदा होता है। बताते हैं कि करीब 100 साल पहले बगावत के रूप में यह परंपरा शुरू हुई, जब दलितों को ऊंची जातियों ने पूजा पाठ से वंचित कर दिया था। रामनामी समाज में एक लाख से भी अधिक बताए जाते हैं। हालांकि अब नई युवा पीढ़ी अपने शरीर पर इस तरह से टैटू बनवाना पसंद नहीं कर रही है। रामनामी समाज के लोग एक खास अंदाज में खास पहनावे के साथ भजन का कार्यक्रम देते हैं। यह तस्वीर रायपुर में आयोजित एक साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आखर की है, जिसमें राम नामियों ने पारंपरिक परिधान में मंच पर आकर भजन प्रस्तुत किया।