राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : नया भव्य भवन फला नहीं
13-Jun-2023 5:43 PM
राजपथ-जनपथ : नया भव्य भवन फला नहीं

नया भव्य भवन फला नहीं
भाजपा ने करोड़ों खर्च कर कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का निर्माण कराया है। लेकिन विधानसभा चुनाव का संचालन पुराने प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर से ही होगा। चर्चा है कि कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में वास्तु संबंधी कुछ समस्याएं हंै। जो कि पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले हैदराबाद से कुछ वास्तुविद भी आए थे, और मुख्य द्वार को बदला भी गया था लेकिन पार्टी के रणनीतिकार इससे संतुष्ट नहीं है।

पार्टी नेताओं के मुताबिक एकात्म परिसर ईस्ट फेसिंग है, जो कि शुभ है। यहां से संचालित चुनावों में से ज्यादातर में पार्टी को सफलता मिली है। ऐसे में अब चुनाव संबंधी ज्यादातर कार्य एकात्म परिसर में ही होंगे। मीडिया सेल तो पहले ही एकात्म परिसर में शिफ्ट हो चुका है। चुनाव प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम भी एकात्म परिसर में बनेगा। देखना है कि विधानमभा चुनाव के लिहाज से एकात्म परिसर शुभ साबित होता है या नहीं।

तो वह अरविंद सिंह कौन था? 

शराब घोटाला केस में बीएसपी कर्मचारी, और कारोबारी अरविंद सिंह को ईडी ने सोमवार को उस वक्त नाटकीय अंदाज में हिरासत में लिया जब वो अपनी मां के अंत्येष्टि में शामिल होने भिलाई आया था। मां को मुखाग्नि देने के बाद ईडी ने श्मशान से ही उसे अपने साथ ले लिया। उस वक्त कांग्रेस, और भाजपा के कई नेता मौजूद थे।

अरविंद सिंह को आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी का करीबी माना जाता है, और उसे घोटाले का अहम सूत्रधार भी बताया जा रहा है। एक चर्चा यह भी है कि अरविंद सिंह को ईडी कुछ समय पहले नेपाल बॉर्डर से अपने कब्जे में ले चुकी थी। ईडी की टीम ही उसे भिलाई लेकर आई थी। अब इसकी सच्चाई का तो पता नहीं, लेकिन इसकी खूब चर्चा हो रही है।

सीबीआई पर भरोसा, साहू पर नहीं
बिलासपुर में सरगुजा के लखनपुर से आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 18  साल के यश साहू की कथित रूप से त्रिकोणीय प्रेम की वजह से हुई हत्या को लेकर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार तो किया है लेकिन कई सवाल तैर रहे हैं। मसलन आरोपियों के पास युवती के रिश्तेदारों की कार कहां से आई। कार पुलिस ने जब्त तो की लेकिन क्यों की यह नहीं बताया। रायपुर हाईवे पर गुंबर पेट्रोल पंप चौराहे पर लाश फेंकी गई तो लोगों ने एक कार को ऐसा करते देखा था, पर पुलिस कहती है कि यश  आखिरी बार ऑटो रिक्शा में दिखा। जिस ऑटो रिक्शा में लादकर यश को चकरभाठा से बिलासपुर लाया गया वह न जब्त है न उसके चालक के पूछा गया। कार जब्त है मगर कार मालिक से कोई पूछताछ नहीं।

बंद ढाबे में पिटाई हुई तो वहां चौकीदार मौजूद था। उससे क्या सबूत मिले? आरोपियों के काल डिटेल्स में किन लोगों से बातचीत निकलकर बाहर आ रही है? ऐसे कई सवाल हैं जिस पर पुलिस जांच आधी-अधूरी दिखाई दे रही है। यश साहू के पिता राजेश साहू कई दिन से लखनपुर से बिलासपुर आकर रुके हैं। वे कह रहे हैं कि वारदात में कई और लोग शामिल थे। वे रसूखदार हैं, पुलिस उनको बचा रही है। ऐसे कई सवालों का जवाब मांगते हुए साहू समाज ने सोमवार को बिलासपुर में कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का राज्य की पुलिस से भरोसा उठ गया है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग रखी है। यह स्थिति तब है जब गृह विभाग के मंत्री भी साहू समाज से ही हैं। माना कि पुलिस या मंत्री जाति-बिरादरी देखकर काम नहीं करती लेकिन इस मामले में अपने समाज के मंत्री के रहते पुलिस से साहू समाज का भरोसा उठ गया और वे अब सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मंत्री इन्हें आश्वस्त कर सकते हैं कि इंतजार करें, सच सामने आयेगा, सभी दोषी पकड़े जाएंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ है।

चुनाव का वक्त है, कब यह मामला राजनीतिक रंग ले कहा नहीं जा सकता। कुछ दिन पहले ही बेमेतरा के एक प्रधान आरक्षक संदीप साहू ने विधायक पर झूठी शिकायत का आरोप लगाया और राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव जो खुद भी साहू समाज से हैं, उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि इस सरकार ने तेली समाज को अपमानित करने का ठेका ले रखा है। उन्होंने बेमेतरा की हिंसा में हुई भुवनेश्वर साहू की मौत का भी लगे हाथ जिक्र कर दिया था। ध्यान रहे, साहू समाज के वोट ओबीसी में सबसे ज्यादा हैं।  

दिग्विजय सिंह की सीएम को चिट्ठी
छत्तीसगढ़ के मामलों की मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को हमेशा दिलचस्पी रही है। किसी राजनीतिक कार्यक्रम में आए न आएं, बमलेश्वरी दर्शन के लिए प्राय: हर साल पहुंचते हैं। अभी उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखा है। इसमें अनुरोध किया है कि वे सेवाकाल के दौरान दिवंगत हो चुके शिक्षाकर्मियों की पत्नियों को अनुकंपा नियुक्ति देने के बारे में विचार करें। अनुकंपा नियुक्ति शिक्षा कर्मी कल्याण संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने दिग्विज सिंह से ऐसी सिफारिश करने की अपील की थी। यह संगठन लंबे समय से रायपुर में आंदोलन कर रहा है। सरकार इस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति देने से इंकार कर रही है कि शिक्षाकर्मी शासकीय सेवक की श्रेणी में नहीं आते। इसमें अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। हाल ही में संगठन की महिलाओं ने प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी कुमारी शैलजा को भी ज्ञापन सौंपा था। ऐसा लग रहा है कि बजाय अपनी मांगों को राजनीतिक विरोधियों के हाथ में सौंपने के, वे कांग्रेस के ही प्रभावशाली नेताओं के जरिये पूरी कराने की कोशिश कर रहे हैं। हो सकता है कोई रास्ता निकल जाए।  

छत्तीसगढ़ से नए सैन्य अधिकारी

छत्तीसगढ़ के पांच जाबांज युवा कवर्धा के चिन्मय ठाकुर, रायपुर के कुशाग्र गर्ग, जांजगीर के सौरभ कपूर, कांकेर के धनंजय साहू और भिलाई के प्रिंस बत्रा ने इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) देहरादून से कमीशन्ड प्राप्त किया। अब ये सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट बनकर अपनी-अपनी फील्ड पर तैनात होंगे। इस तरह की खबर इसलिये खास बन जाती है क्योंकि जो भारतीय सेना में प्रतिनिधित्व वाले शीर्ष 10 राज्यों में भी छत्तीसगढ़ नहीं है। शीर्ष में उत्तर प्रदेश है, उसके बाद हरियाणा का नंबर आता है जिसकी जनसंख्या लगभग छत्तीसगढ़ के बराबर है। तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ से कम जनसंख्या वाला उत्तराखंड है। बिहार, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू कश्मीर इसके बाद भारतीय सेना में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व वाले राज्य हैं।   ([email protected])

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