राजपथ - जनपथ
विभाग से इंकार
सरकार ने आईएएस केडी कुंजाम को संचालक खनिज बना दिया है, लेकिन वो नया दायित्व संभालने के तैयार नहीं है। उन्होंने अपनी भावनाओं से सीएस को अवगत भी करा दिया है।
बताते हैं कि कुंजाम से जूनियर जेपी मौर्य खनिज विभाग के सर्वेसर्वा हो गए हैं। नया दायित्व संभालने की हिचक के पीछे यही एक वजह नहीं है, बल्कि हाल ही में उनके यहां ईडी की रेड को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
कुंजाम के कथित तौर पर कोल स्कैम में शामिल होने के शक में रेड डला था। हालांकि जानकार मानते ह कि उनका कोल स्कैम से दूर-दूर तक लेना देना नहीं रहा है। खैर, कुंजाम के इंकार के बाद अब खनिज संचालक के पद पर नई पोस्टिंग हो सकती है।
बारी-बारी से सबके घर
प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी शैलजा सीनियर नेताओं के घर बैठक कर अपने पूर्ववर्ती पीएल पुनिया का अनुशरण कर रहीं है। पुनिया ने विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की अगुवाई में कोर कमेटी बनाई थी।
कोर कमेटी में 6-7 सीनियर नेता थे। इन नेताओं के यहां एक-एक कर बैठक होती थी, और चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाती थी। उस समय पहली बैठक रविन्द्र चौबे के घर हुई थी। चुनावी रणनीति तैयार करने के लिहाज से बैठक सफल भी रही। कुछ इसी अंदाज में पहले कोर कमेटी की बैठक मोहम्मद अकबर के घर हुई, और बुधवार को रविन्द्र चौबे के निवास में सभी प्रमुख नेता जुटे। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। अब अगली बैठक गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के घर होगी।
अपनी सरकार में हताश विधायक...
कांग्रेस सरकार में विधायक अफसरों-कर्मचारियों से इतने त्रस्त हैं कि मारने-पीटने की बात किए बिना उनका काम नहीं चल रहा है। यहां मामला मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल का है। यहां के वार्ड 15, में कई दिनों से पानी की किल्लत है। महिलाओं ने पानी टंकी के सामने प्रदर्शन किया। विधायक जायसवाल वहां पहुंचे, और क्या समझाया? उन्होंने कहा कि नगरपालिका के कर्मचारी दिखें तो उन्हें झाड़ू से मारना। उसके बाद मुझे फोन करना। पुलिस कुछ नहीं करेगी।
विधायक ने समस्या हल करने का जो तरीका बताया है उसे आजमा कर सरगुजा के एक विधायक बृहस्पत सिंह भी देख चुके हैं। पर कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। विधायक के नुस्खे को आजमाने पर जरूर पुलिस कुछ न करे, नगरपालिका के कर्मचारी जरूर निपट लेंगे। अभी तो एक ही वार्ड में पानी की सप्लाई रूकी है, हड़ताल पर गए तो भरी गर्मी में बाकी वार्डों में भी परेशानी खड़ी हो जाएगी।
एक और आदिवासी नेता नाराज?
जशपुर इलाके में भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जशपुर के कद्दावर नेता नंदकुमार साय के पार्टी छोडऩे के बाद भी वहां के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का सिलसिला थमा नहीं है। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की मौजूदगी में भाजपा का संभाग स्तरीय सम्मेलन हुआ, जिसमें गणेश राम भगत शामिल नहीं हुए। बताया जाता है कि उन्हें कार्यक्रम में सम्मानजनक तरीके से बुलाया नहीं गया। जो विज्ञापन और होर्डिंग लगाए गए उनमें से भी उनकी तस्वीर गायब थी। गणेशराम भगत जशपुर से लगातार चुनाव जीतते रहे। उनकी विजय यात्रा पर विराम तब लगा जब उनकी टिकट यहां से काटकर सीतापुर से लड़ा दिया गया। फिर न उनके पास सीतापुर की सीट रही न जशपुर की। वे 6 बार विधायक रहे। पहली बार जब भाजपा सरकार बनी तो पूरे पांच साल केबिनेट मंत्री भी थे।
हालांकि भगत ने बात संभालने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम की सूचना उन्हें दी गई थी। पर वह किसी दूसरे काम के सिलसिले में बाहर थे। हो सकता है कि उन्हें सम्मेलन से ज्यादा जरूरी कोई काम रहा हो, पर उनके समर्थक कार्यकर्ता तो सम्मेलन में उपेक्षा से खासे नाराज चल रहे हैं।
ऐसे बढ़ेगा छत्तीसगढ़...?
भाजपा नेता, पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया पर अपना एक अनुभव शेयर किया है-
कल मैं बलौदा बाजार रोड में गुजर रहा था। सामने भैंसा गांव के पास एक ट्रक बाइक को टक्कर मारकर भागने लगा। उसे हार्न देते हुए दौड़ाया, साथ में एंबुलेंस के लिए फोन भी किया। मुझे पीछा करते देखकर ट्रक वाला रुका। मैं उसे डांटते हुए वापस लेकर आया। इस बीच वह मुझे कहता रहा कि गलती बाइक वाले की ही है। एक्सीडेंट की जगह पर पहुंचा तो देखा कि बाइक डैमेज हुई थी, मगर आदमी की जान सलामत थी। दुर्भाग्य की बात है कि वह बाइक वाला शराब के नशे में धुत था। मुझे बड़ी निराशा हुई।
फिर मैं आगे बढ़ा। थोड़ी दूर आगे जाने पर ही फिर से एक बाइक सडक़ पर गिरी हुई थी। वहां एक आदमी सडक़ किनारे बैठा था। मैंने फिर अपनी गाड़ी रोकी और देखा तो इस बार भी बाइक वाला शराब के नशे में धुत मिला। इस तरह की स्थिति को देखकर बड़ी निराशा हुई। मन में विचार आने लगा कि ऐसे में हमारा छत्तीसगढ़ कैसे आगे बढ़ेगा ??([email protected])