राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : गए तो थे बड़े मियाँ भी, नोटिस छोटे को...
19-Jun-2023 6:45 PM
राजपथ-जनपथ :  गए तो थे बड़े मियाँ भी, नोटिस छोटे को...

गए तो थे बड़े मियाँ भी, नोटिस छोटे को... 
प्रदेश के एक राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख युवा आईएफएस अफसर को बिना अनुमति के विदेश यात्रा करने पर नोटिस थमा दिया गया। यह नोटिस उन्हें अरण्य भवन (वन मुख्यालय) से जारी किया गया। और जब नोटिस जारी हुआ, तो कई बातें छनकर निकली।

पहली यह कि वो अकेले विदेश ट्रिप पर नहीं गए थे। उनके साथ विभाग के पीएस, और सीनियर अफसर भी थे। विभाग के पीएस की अगुवाई में ट्रिप था, तो स्वाभाविक है कि शासन से अनुमति मिली होगी। युवा आईएफएस अफसर की गलती यह थी कि उन्होंने अपने रिपोर्टिंग अफसर को सूचित नहीं किया।

युवा आईएफएस अफसर जब विदेश में थे तो रिपोर्टिंग अफसर उद्यान का निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां उन्हें बताया गया कि उद्यान प्रमुख विदेश गए हैं। इस पर रिपोर्टिंग अफसर नाराज हो गए। उन्होंने युवा आईएफएस से स्पष्टीकरण मांग लिया है।

शाह से उम्मीद  
भले ही पीएससी राज्य सेवा परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई हो, लेकिन चुनावी साल में यह मुद्दा बना गया है। सोशल मीडिया में इतने हमले हो रहे हैं, कि इसका जवाब देते नहीं बन रहा है। पीएससी की तरफ से सफाई आई, कि सब कुछ नियमानुसार हुआ है। उन्होंने अभ्यार्थियों को विचलित नहीं होने की भी सलाह दी है।

भाजयुमो का धरना-प्रदर्शन हुआ है। और अब चर्चा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी 22 तारीख को दुर्ग के कार्यक्रम में इस पर काफी कुछ कह सकते हैं। चर्चा है कि पार्टी नेता चाहते हैं कि शाह यह कह दे कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के पीएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाएगी। मगर शाह क्या कुछ कहते हैं इस पर सबकी नजर हैं।

इसकी गुठली कितने में मिलेगी?
17 से 19 जून तक चल रहे जोरा की आम प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा चर्चा दुनिया के सबसे महंगी वैरायटी के आम मियाजाकी की हो रही है। प्रदर्शनी में केवल एक आम लाया गया है। इसके उत्पादक सूरजपुर के कृषक आरके गुप्ता बताते हैं कि 14 आम पेड़ पर लगे थे। आंधी-पानी में 13 समय से पहले गिर गए, एक बचा रह गया जिसे वे यहां लेकर आ गए। 639 ग्राम इस आम की कीमत 1.82 लाख है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका दाम 2.70 लाख रुपये किलो है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इस आम में रखा क्या है, जो इसकी इतनी ज्यादा कीमत है? कुछ नहीं सिर्फ खुशबू और स्वाद का फर्क है। बड़े उद्योगपति किसी नेता, अफसर को खुश करने के लिए इसे गिफ्ट में दे सकते हैं। वरना स्वादिष्ट तो बाजार में मिल रहे 40-50 रुपये किलो वाले आम भी हैं। छत्तीसगढ़ सहित अपने देश के कई राज्यों में मौसम आम की पैदावार के अनुकूल होता है। पर मियाजाकी पर कृषकों ने निवेश शुरू नहीं किया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में इसका व्यावसायिक उत्पादन होता है, जिसे निर्यात भी किया जाता है। जबलपुर में एक दंपती ने आम के दो पेड़ लगाए हैं, जिसकी सुरक्षा दो गनमैन और चार खूंखार कुत्ते करते हैं। बिहार में भी एक इंजीनियर ने इस साल इसकी खेती शुरू की है। आम की कीमत सुनकर आम लोग इसे महक लेने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाते, खरीदना तो दूर की बात। पर सोशल मीडिया पर यह जरूर पूछा जा रहा है कि इसकी गुठली कितने में मिल जाएगी?

जिओ टावर की पूजा
केंद्र सरकार के पास एक यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड ( यूएसओएफ ) होता है। इसका उद्देश्य देश के ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में संचार सेवाएं पहुंचाना है। पहले इस फंड का काफी हिस्सा डाक और तार सेवाओं पर खर्च किया जाता था। अब मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने में किया जाता है। नक्सल प्रभावित बस्तर के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का फायदा मिले, इसके लिए तेजी से मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। यह बस्तर के गिदावरली गांव की तस्वीर है जहां जिओ का मोबाइल टावर लगने पर आदिवासी उसकी पूजा कर रहे हैं।

एटीआर में बढ़ता गौर का कुनबा
अचानकमार टाइगर रिजर्व में टाइगर होने का दावा वन विभाग के अफसर करते हैं। इसके नाम पर यहां होने वाले करोड़ों रुपयों के खर्च पर सरकार को विधानसभा में घेरा जा चुका है। पर एक दूसरा आकर्षण इन दिनों पर्यटकों को यह अभयारण्य अपनी ओर खींच रहा है। यहां पर गौर का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। 5 साल पहले हुई गणना में इसकी संख्या करीब 2000 बताई जा रही थी। पर इस समय अनुमान है ये बढक़र 4000 हो चुके हैं। जंगल सफारी पर निकलें तो सडक़ के दोनों ओर बड़ी संख्या में गौर विचरण करते दिखाई दे रहे हैं। ([email protected])

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