राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : कांग्रेस में बदलाव का इंतजार
21-Jun-2023 4:42 PM
राजपथ-जनपथ : कांग्रेस में बदलाव का इंतजार

कांग्रेस में बदलाव का इंतजार

राहुल गांधी के विदेश प्रवास से लौटने के 23 तारीख के बाद कांग्रेस में  हलचल शुरू होगी।  मध्यप्रदेश, और राजस्थान के मसले पर चुनावी दृष्टिकोण से हाईकमान काफी कुछ फैसला ले चुकी है। छत्तीसगढ़ पर चर्चा अभी बाकी है।

कहा जा रहा है कि हाईकमान संगठन में बदलाव पर कोई फैसला ले सकता है। प्रदेश संगठन से तीन माह पहले 90 सचिवों की नियुक्ति के लिए नाम मांगे गए थे लेकिन यह सूची अटकी पड़ी है। इन सबके बीच प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से मिलकर आ चुके हैं।

प्रदेश प्रभारी शैलजा, सीएम भूपेश बघेल, और अन्य सीनियर नेताओं से लगातार बदलावों पर चर्चा कर रही हैं। पार्टी नेताओं का अंदाजा है कि हफ्ते-दस दिन में संगठन में काफी कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। देखना है आगे क्या होता है।

गजब का एड्रेस है

सोशल मीडिया पर तैर रही जमीन की खरीदी-बिक्री के एक विज्ञापन ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। विज्ञापन में कमल विहार के पीछे बोरिया कला में तीन एकड़ जमीन खरीदने के लिए इच्छुक लोगों को कॉल करने कहा गया है। बकायदा मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है।

जमीन का लोकेशन एक दिलचस्प अंदाज में बताया गया है। यह कहा गया कि उक्त जमीन संवैधानिक पद पर आसीन एक चेयरमैन के फार्महाउस के सामने हैं। विज्ञापन में चेयरमैन का नाम भी लिखा गया है जो कि इन दिनों गड़बड़ी के आरोपों से घिरे हुए हैं।

आगे कहा गया है कि फार्महाउस के सामने 30 फीट का डब्ल्यूबीएम रोड है। प्लाटिंग के लिए बहुत शानदार जमीन है। अब लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वाकई जमीन बेचने के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, अथवा चेयरमैन की प्रापर्टी की जानकारी दी गई है।

योग से नहीं नौकरी का जोग

जब से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है दुनिया के साथ-साथ भारत में भी निरोगी रखने की इस प्राचीन विधा का आम लोगों में भरपूर प्रचार हुआ। समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकारों ने स्कूल कॉलेजों में योग पाठ्यक्रम की घोषणा की। कॉलेज, विश्वविद्यालयों ने इसके कोर्स भी शुरू किए। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में ही चल रहे एक वर्ष डिप्लोमा पाठ्यक्रम में पहले सीटें खाली रह जाती थीं, लेकिन अब यहीं पर ही नहीं बल्कि इसके अधीन आने वाले कई कॉलेजों में योग कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। बिलासपुर के केंद्रीय विश्वविद्यालय और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में योग के पाठ्यक्रम संचालित हैं। केंद्रीय विद्यालयों में भी योग कक्षाएं दी जा रही है। पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय में तो इसे डिस्टेंस कोर्स में भी शामिल किया गया है। योग को लेकर आई जागरूकता ने युवाओं को इस फील्ड में रोजगार की संभावना भी दिखाई देने लगी है लेकिन इनमें से किसी भी शिक्षण संस्थान में नियमित भर्ती का कोई पद नहीं है। केंद्रीय विद्यालय और विश्वविद्यालयों में संविदा पर कुछ भर्तियां की गई है। कई संस्थानों में तो दूसरे विषयों के ऐसे टीचर्स जिन्होंने योग का प्रशिक्षण लिया है उनसे ही काम चलाया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भी योग को एक कोर्स के रूप में शामिल किया गया है लेकिन इनमें भी योग शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ योग शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इसके लिए राजधानी रायपुर में आंदोलन करना भी तय कर लिया है। इन लोगों योग विषय में पीजी, डिप्लोमा, एम एम एस सी, यहां तक कि पीएचडी भी की हुई है। पिछले साल नवंबर महीने में स्कूल शिक्षा विभाग में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 4612 योग शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की थी, जिसका अभी तक कुछ पता नहीं है। कोरिया जिले में बेरोजगार योग डिग्रीधारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन तीन-चार दिन पहले सौंपा था। जांजगीर-चांपा जिले के प्रशिक्षित युवाओं ने सीएम के लिए पोस्टकार्ड अभियान चला रखा है। इस समय सरकार ने बड़े पैमाने पर विभिन्न विभागों में भर्ती अभियान चला रखा है, पर इनमें योग की वेकेंसी दिखाई नहीं दे रही है।

बारिश लेकर नहीं आई रथ यात्रा

जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन होने वाली बारिश को एक शगुन के रूप में देखा जाता है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें तब खींच जाती है जब किस दिन बिल्कुल पानी ना गिरे। छत्तीसगढ़ के अधिकांश इलाकों में कल यह चिंता देखी गई। मौसम विभाग की और से जो बताया गया है उसके मुताबिक केरल जहां से मानसून प्रवेश करता है, वहां 15 जून की स्थिति में बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी कम बारिश हुई है। दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग का एक बयान आया था जिसमें 21-22 जून तक प्री मानसून बारिश की संभावना जताई गई। जून माह के तीसरे सप्ताह में रायगढ़ जैसी जगह का तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिले में तफ रहे हैं। हालांकि बस्तर और नारायणपुर में थोड़ी वर्षा हो चुकी है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था धान पर काफी कुछ निर्भर है। बारिश में देरी से किसानों का यहां हिसाब-किताब तो बिगड़ेगा ही, देश में एक बार फिर महंगाई बढऩे की आशंका मंडरा रही है।

हिंदी-अंग्रेजी के जुदा रास्ते

कोरबा इलाके का यह मार्ग संकेतक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो लोगों में कौतूहल पैदा कर रहा है। हिंदी में आगे का रास्ता जिस दिशा में बताया गया है अंग्रेजी में वहीं पहुंचने की दूसरा दूसरी बताई जा रही है। अब यह तो इस जगह पर पहुंचकर ही पता लगाया जा सकता है कि किसी ने फोटोशॉप जैसा खेल किया है यह सचमुच नगर निगम के इंजीनियर ने ही अंग्रेजी हिंदी के बीच गड्ढा खोद दिया। ([email protected])

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