राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : भाजपा स्कोर कर गई
23-Aug-2023 3:19 PM
राजपथ-जनपथ : भाजपा स्कोर कर गई

भाजपा स्कोर कर गई 

सतनामी समाज के गुरु बालदास साहेब कांग्रेस का साथ छोडक़र भाजपा में शामिल हुए, तो राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। बालदास अपने बेटों के साथ मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सतनामी वोट बैंक पर बालदास साहेब की पकड़ किसी से छिपी नहीं है। उनके समर्थित निर्दलीय प्रत्याशियों ने वर्ष-2013 के चुनाव में आधा दर्जन कांग्रेस प्रत्याशियों के हार सुनिश्चित कर दी थी। 

बालदास को भाजपा में लाने की कोशिश हो रही थी। चर्चा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बालदास से बात भी हुई थी। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, बालदास साहेब के संपर्क में थे। मगर ऐन वक्त में पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सक्रिय हो गए, और तमाम प्रमुख नेताओं से बात कर बालदास को भाजपा में ले आए। 

बालदास की अहमियत का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उन्हें, अथवा परिवार के सदस्य को किसी भी आरक्षित सीट से उतारने के लिए तैयार है। यही नहीं, कांग्रेस ने भी उनके पुत्र को मौजूदा कांग्रेस विधायक की टिकट काटकर बिलाईगढ़ सीट से प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव दिया था। मगर भाजपा बाजी मार ले गई, अब चुनाव में इसका कितना फायदा मिलता है यह देखना है।

साय की तीन सीटों से दावेदारी

रायगढ़-जशपुर जिलों में खासा प्रभाव रखने वाले भाजपा से कांग्रेस में आए वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने तीन सीटों से टिकट का आवेदन किया है। पत्थलगांव, कुनकुरी और लैलूंगा। इनमें से कुनकुरी सीट ही ऐसी है जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच जीत का अंतर कम रहा। विधायक यूडी मिंज को भाजपा के भरत साईं के 65 हजार 603 वोटों के मुकाबले 69 हजार 896 वोट मिले। जीत का अंतर 4 हजार 293 वोटों का रहा। पर पत्थलगांव देखें तो वहां से कांग्रेस के रामपुकार सिंह ने 96 हजार 599 वोट हासिल किए और भाजपा के शिवशंकर पैकरा को 59 हजार 913 वोट मिले। अंतर 36 हजार 686 वोटों का था। इसी तरह से लैलूंगा सीट भी कांग्रेस के पास है। यहां भी हार जीत का फासला 24 हजार 483 वोटों का था। कांग्रेस के चक्रधर प्रसाद सिदार को 81 हजार 770 वोट तो भाजपा के सत्यानंद राठिया को 57 हजार 287 वोट हासिल हुए थे। यह सवाल राजनीतिक हलकों में उठ  रहा है कि क्या 25 से 35 हजार वोटों के अंतर से भाजपा को हराने वाले विधायकों में से किसी एक को कोई कारण बताकर कांग्रेस ड्रॉप करेगी?  या फिर क्या कुनकुरी सीट में उम्मीदवार बदला जाएगा, जहां जीत का अंतर बाकी दो के मुकाबले काफी कम है? निर्भर करता है कि कांग्रेस की अंदरूनी सर्वे रिपोर्ट क्या कहती है जिसके आधार पर कई मौजूदा विधायकों की टिकट कटने का अनुमान है।

दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का बयान आया है जिसमें उन्होंने साफ किया है कि दूसरे दलों से आने वालों को टिकट नहीं दी जाएगी। साय ने जब तीन-तीन स्थानों से आवेदन लगाया है तो उन्हें कुछ न कुछ आश्वासन तो मिला ही होगा। वैसे कई विधानसभा सीटों से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से आए नेताओं ने टिकट की अर्जी लगाई है। इनमें से कई लोगों ने तो पिछली बार कांग्रेस के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। इनमें से एक ह्रदयराम राठिया भी हैं, जिन्होंने लैलूंगा सीट से पिछले चुनाव में जेसीसी के निशान पर लडक़र 12 हजार से ज्यादा मत हासिल किए थे।

चुनावी साल में खाद संकट से बचे

बीते साल की याद करें तो पूरे खरीफ सीजन में उर्वरकों को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच टकराव का बना था। कांग्रेस के मंत्री और भाजपा के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। किसानों का प्रदर्शन हो रहा था।  पिछले साल सरकारी आंकड़ों के ही अनुसार जुलाई महीने तक यूरिया, पोटाश, डीएपी, एनपीके और सुपर फास्फेट मिलाकर कुल 13.70 मीट्रिक टन की मांग केंद्र से की गई थी लेकिन छत्तीसगढ़ को केवल 6.30 मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई। अब सरकार की ओर से ही बताया गया है कि इसके विपरीत इस साल जून माह के अंत में ही 12 लाख 21 हजार मीट्रिक टन का भंडारण छत्तीसगढ़ में हो गया था। और अब भंडारण और का लक्ष्य पूरा हो चुका है और वितरण भी जरूरत के मुताबिक किया जा रहा है। ज्यादातर जिलों में खाद के लिए कोई मारामारी नहीं है। कहा जा रहा है कि चुनावी साल में यदि आपूर्ति ठीक है तो इसका श्रेय भाजपा को लेना चाहिए और मोदी सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। पता नहीं, इस किसान वोटरों वाले राज्य में इस तरफ उनका ध्यान अब तक गया क्यों नहीं?

एआई से प्रेरित चाय दुकान

पूरी दुनिया में इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का डंका बज रहा है। इनमें सबसे अधिक लोकप्रिय वेबसाइट है चैटजीपीटी। ऐसे में एक युवक ने अपनी चाय दुकान का नाम रखा है- चाय जीपीटी। जीपीटी का उसने एक फुल फार्म भी बनाया है- जेनूएली प्योर टी। एआई का अर्थ बताया है-अदरक और इलायची। यह किस शहर या मोहल्ले की तस्वीर है, यह तो पता नहीं चल रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो रहा है। इसकी देखा-देखी कुछ दूसरी चाय दुकानें भी इसी नाम से खुल चुकी हैं।

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