राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : टिकट तो नहीं, डांट मिली
07-Oct-2023 4:19 PM
राजपथ-जनपथ :  टिकट तो नहीं, डांट मिली

टिकट तो नहीं, डांट मिली 

भूपेश बघेल अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। टिकट के कई दावेदारों को तो वो यह कहकर उल्टे पांव लौटा चुके हैं कि उनके लिए कोई गुंजाइश नहीं है। जबकि बाबा, और दीपक बैज दावेदारों का बायोडाटा ले लेते हैं, और टिकट तय न होने के बावजूद दावेदारों का मन रखने के लिए उन्हें चुनाव तैयारियों में जुटने के लिए कह भी देते हैं।

कांग्रेस में कई को तो इशारा भी किया जा चुका है। इससे परे कई दावेदार नेता, बाकियों के मुकाबले सीएम के इशारे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे ही रायपुर की एक सीट से टिकट के दावेदार ने एक कार्यक्रम के बाद मौका पाकर सीएम से अकेले में मुलाकात की, और उनसे अपनी टिकट के लिए आशीर्वाद मांगा।

भूपेश बघेल ने उन्हें डपट दिया, और कह दिया कि उन्हें किसी भी दशा में आशीर्वाद नहीं मिल सकता। उनकी आवाज इतनी तेज थी कि कई लोगों को सुनाई पड़ गई। इसके बाद पार्टी फोरम में बात फैल गई। दरअसल, वे इस बात से खिन्न रहे कि दावेदार को पिछले चुनाव में तैयार रहने के लिए कहा गया था लेकिन वो ऐनवक्त में पीछे हट गए। यह साफ हो चला है कि चुनाव तैयारियों में काफी कुछ फूंकने के बावजूद दावेदार नेता टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

मायके से टिकट 

केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह कोरिया जिले के भरतपुर-सोनहत सीट से चुनाव लडऩा चाहती हैं। पार्टी ने भी इसके लिए सहमति दे दी है। भरतपुर-सोनहत में रेणुका सिंह का मायका है।  यह उनके संसदीय क्षेत्र का भी हिस्सा है। चुनाव तैयारियों में जुटने से पहले तक रेणुका सिंह ने भरतपुर-सोनहत के लिए कुछ विशेष नहीं किया। और अब जब उनकी टिकट पक्की हो गई है तो उन्होंने केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर रायपुर-अंबिकापुर, और एक अन्य ट्रेन का स्टॉपेज उदलपुर, और नागपुरा में देने की मांग की है। दोनों ही स्टेशन भरतपुर-सोनहत विधानसभा का हिस्सा है। अब चुनाव में इसका कितना फायदा मिलता है यह देखना होगा।

पोलिंग बूथ आपके द्वार

चुनाव आयोग ने 80 बरस पार के बुजुर्ग और दिव्यांगों को घर बैठकर मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। मतदान दल ऐसे लोगों के घर जाकर बैलेट पेपर से मतदान करवाएगा। मगर यह सब कुछ आसान नहीं है। इससे मतदान दलों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।

विधानसभा उपचुनावों में भी इस तरह की सुविधा दी गई थी। खैरागढ़ में तो कई असमर्थ लोगों को मत डालने में सहयोग करने पर राजनीतिक पार्टी के लोगों में आपस में विवाद भी हुआ था।  दिलचस्प बात यह है कि वर्ष-2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा से कुल 96 हजार वोट से पीछे रह गई थी, और कुछ सीटें मामूली वोट से हार गई थी। कांग्रेस की सरकार बनते-बनते रह गई। बैलेट पेपर से वोटिंग के पात्र बुजुर्ग और दिव्यांगों की संख्या लाखों में है। अब जब ऐसे में इन वोटों के लिए जगह-जगह खींचतान होने के आसार भी दिख रहे हैं।

दारू केस आगे बढ़ेगा?

शराब घोटाला केस में शराब कारोबारी-अफसरों के खिलाफ ईडी कार्रवाई तेज कर सकती है। हाईकोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर समेत चार लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इनमें से कुछ को मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली हुई थी। खास बात यह है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने रायगढ़ और जगदलपुर में अपने भाषण में प्रदेश में शराब घोटाले का प्रमुखता से जिक्र किया था। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि शराब केस में कार्रवाई तेज हो सकती है। और अब जब जमानत खारिज हुई है तो इन चर्चाओं को बल भी मिला है। देखना है आगे क्या होता है। 

राजधानी से लगे एक अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा । ([email protected])

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