राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : दीपक बने रहेंगे, और प्रतिपक्ष?
09-Dec-2023 3:10 PM
राजपथ-जनपथ : दीपक बने रहेंगे, और प्रतिपक्ष?

दीपक बने रहेंगे, और प्रतिपक्ष?

विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पद पर बने रहेंगे। वजह यह है कि लोकसभा चुनाव नजदीक है, और पार्टी कोई नया प्रयोग नहीं करना चाहती है। एक बात और, बैज को अध्यक्ष बने कुछ ही महीने हुए हैं। अलबत्ता, नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर पार्टी के अंदरखाने में चर्चा जरूर चल रही है।

अनुभव और वरिष्ठता के लिहाज से डॉ.चरणदास महंत को नेता प्रतिपक्ष के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। इन सबके बीच कार्यवाहक सीएम भूपेश बघेल खेमे की तरफ से पूर्व मंत्री उमेश पटेल का नाम उभरा है।

उमेश तीसरी बार चुनाव जीतकर आए हैं। हालांकि उमेश को लेकर यह कहा जा रहा है कि वो मंत्री के रूप में भी कोई खास काम नहीं कर पाए। उम्र भी कम है। इन सबके बीच महंत के नाम पर मुहर लग जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। महंत ने अपने चाँपा -जाँजगीर, और सक्ती जि़लों की तमाम सीटों पर कांग्रेस की जीत दर्ज कराई है।

नौकरशाही में हलचल

सीएम कौन होगा, यह तो रविवार को  भाजपा विधायक दल की बैठक में तय होगा। मगर नौकरशाही में इसको लेकर काफी हलचल है। सरकार के अफसर उन सभी नेताओं से मिल रहे हैं, जिनका नाम सीएम पद के लिए चर्चा में हैं।

पूर्व सीएम रमन सिंह के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, अजय चंद्राकर के यहां भी बधाई देने के लिए अफसरों का तांता लगा हुआ है। अरूण साव और रेणुका सिंह दिल्ली में हैं। उनसे भी कई आईएएस अफसर मिल चुके हैं।

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के यहां सबसे ज्यादा भीड़ देखी जा रही है। अफसरों का एक बड़ा खेमा यह मानता है कि बृजमोहन सीएम भले ही न बन पाए लेकिन सरकार में सीनियर होने के नाते प्रभावशाली जरूर रहेंगे। पूर्व मंत्री राजेश मूणत से भी कई अफसरों ने मुलाकात कर अपनी शुभकामनाएं दी है।

मुसाफिर की बेफिक्री देखिए..

कुछ लोग सकारात्मक विचार वाले और ऊर्जा से भरपूर होते हैं।अपनी तकलीफ को भी खुशी-खुशी मंजूर कर लेते हैं, उसका आनंद लेते हैं। आज ही एक रेल सवारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है। लिखा है कि रात 11.55 इतवारी (नागपुर) से छूटने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस रात 2 बजे छूटी। सुबह 7.30 तक आराम से सफर कर गोंदिया पहुंच गए। वैसे अब तक रायपुर पहुंच जाना था।  रायपुर 11 बजे पहुंच गए। कोई बात नहीं, आज छुट्टी मनाएंगे।

यात्री लिखता है कि 5 घंटे का सफर 9 घंटे में। शुक्र है, ट्रेन कैंसिल नहीं थी, जैसा इन दिनों सुन रहा हूं। भारतीय रेल और उसका किफायती, आरामदेह सफर। जिंदाबाद...।

जाड़े में ही क्यों आते हैं परिंदे?

हर साल भारत में लाखों की संख्या में रूस और यूरोप के देशों से छत्तीसगढ़ के झील और तालाबों में पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आ जाते हैं। छत्तीसगढ़ इनका मशहूर ठिकाना है।  इनमें कोपरा जलाशय भी शामिल है, जहां की यह तस्वीर है। दरअसल इनको उन देशों की भयंकर ठंड से बचना जरूरी होता है। कोरबा, बेमेतरा और बिलासपुर में इनका ठिकाना मिलता है। इन पक्षियों को ये इलाके ठंड में भी गर्म लगते होंगे। फॉरेस्ट डिपार्मेंट ने इनमें से बेमेतरा के गिधवा को पक्षी विहार घोषित कर रखा है। कोरबा जिले के कनकेश्वर धाम में पक्षी रुके हैं। वन मंडल अधिकारियों ने यहां भी बंदरों से बचाने की कोशिश की है।  सभी फरवरी तक यहां रहेंगे। उसके बाद अपने देश लौट जाएंगे, क्योंकि वहां ठंड कम हो जाएगी। ([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news