बेमेतरा
![किसानों को फसल बीमा के मिले 500-500, किसानों ने कलेक्टर से ज्यादा रकम दिलाने रखी मांग किसानों को फसल बीमा के मिले 500-500, किसानों ने कलेक्टर से ज्यादा रकम दिलाने रखी मांग](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719398043163.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 जून। जिले में फरवरी व मार्च माह में मौसम की वजह से हुए फसल नुकसान का सामना कर चुके किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम राशि मिलने की उम्मीद थी, पर जिस तरह से किसानों को महज 500 रुपए की क्लेम राशि दी जा रही है, उससे वे काफी मायूस हैं। मंगलवार को अलग-अलग गांवों के किसानों ने कलेक्टर से आवेदन देकर क्लेम राशि बढ़ाने की मांग की।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार उपज के अनुसार क्लेम की राशि दी जा रही है। प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। जिले में रबी फसल सीजन के दौरान 88192 किसानों ने फसल बीमा कराया था, जिसमें से 71688 किसानों ने फसल नुकसान की सूचना कंपनी को समय पर दी थी। सूचना के बाद 20320 किसानों की फसलों का व्यक्तिगत सर्वे किया गया। वहीं 51368 किसानों का सैंपल सर्वे किया गया। सर्वे के बाद क्लेम की राशि दी गई, जिससे किसानों में असंतोष की स्थिति है।
जानकारी हो कि बीते फरवरी व मार्च माह में असमय बारिश की वजह से जिले के किसानों को भारी नुकसान हुआ था। मौसम की वजह से खेत में खड़ी फसलों के घर आने की उम्मीद कर रहे किसानों को मायूसी हाथ लगी थी। किसानों ने रबी फसल सीजन के लिए बैंकों से अल्पकालीन लोन लिया है, जिसे फसल आने के बाद बैंकों में जमा करना था पर नुकसान होने की वजह से किसान कर्ज जमा नहीं कर पा रहे हैं। नुकसान की स्थिति में किसानों को पीएम फसल बीमा से मिलने वाले क्लेम की राशि से भरपाई की उम्मीद थी पर जिस तरह से 500 रुपए प्रति एकड़ के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि किसानों को मिल रही है। उससे किसान परेशान हैं।
क्लेम के बाद से आज तक जारी
नहीं की गई राशि, बढ़ी परेशानी
जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर ग्राम भिनपुरी के किसानों को रबी फसल सीजन के दौरान मौसम की मार से चना, गेहूं व अन्य फसलों को नुकसान हुआ था। नुकसान के बाद क्लेम करने के बाद से आज तक क्षतिपूर्ति राशि जारी नहीं की गई है। गांव के किसान धनराज साहू, चैनसिंह, भुखमर्रा वर्मा, डेरन सिंह व कुमार साहू ने बताया कि बीते फरवरी व मार्च माह में हुई बेमौसम बरसात की वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो गई थीं। समय पर उन्होंने बीमा कंपनी को सूचना दी थी पर आज तक क्लेम का लाभ उन्हें नहीं मिला है।
किसानों ने 90 फीसदी से
ज्यादा नुकसान बताया
मौसम की वजह से सबसे अधिक नुकसान थानखम्हरिया क्षेत्र के किसानों को हुआा था। ग्राम पंचायत जेवरा के आश्रित ग्राम मटिया के नरसिंग साहू, रामकुमार, नंदकुमार, शिवकुुमार ने आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसके अनुसार उनके गांव के किसानों को नुकसान की क्षतिपूर्ति 500 रुपए प्रति एकड़ के दर से की गई है जबकि उनके गांव से लगे नवागांव में हुए नुकसान के एवज में किसानों को उससे काफी अधिक राशि प्रति एकड़ के हिसाब से मिली है। किसानों ने बताया कि बीमा कंपनी के स्थानीय जिम्मेदारों ने उनके साथ गलत किया है। किसान ओला गिरने के बाद चौपट हो चुके फसल को काटने के लिए खेत तक नहीं गए हैं। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार उनके गांव में 90 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है पर क्षतिपूर्ति उसके अनुसार नहीं दी जा रही है।
बीमा कंपनी के अधिकारी
कुछ भी बताने से बच रहे
किसानों ने बताया कि वे क्षतिपूर्ति की जानकारी लेने के लिए तहसील से लेकर ब्लॉक स्तर पर बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त अधिकारियों के पास पहुंचे, लेकिन वे इस संबंध में कोई भी जानकारी देने से बचते हैं। कंपनी के जिला प्रभारी हिरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि उनको किसी प्रकार की जानकारी देने पर रोक है।
नुकसान के आधार पर क्षतिपूर्ति की राशि
डीडीओ, कृषि विभाग मोरध्वज डडसेना ने कहा कि जिले में किसानों को उपज नुकसान के आधार पर क्लेम जारी हुआ है। अब तक 50 करोड़ रुपए जारी हुए हैं। आने वाले समय में सभी किसानों को राशि जारी होगी।