बेमेतरा
टायर बम की तरह फूटते रहे, 30 गाडिय़ां खाक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 जून। रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे स्थित ग्राम टेमरी के मीत ढाबा के पास खड़े ट्रेलर से दो पहिया वाहनों से भरा कंटेनर जा टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंटेनर में आग लग गई। इस भीषण हादसे में कंटेनर के ड्राइवर व कंडक्टर की मौत जिंदा जलने से हो गई। घटना बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात लगभग 2 बजे की है।
मिली जानकारी के अनुसार टेमरी स्थित मीत ढाबा के पास कोयले से भरा ट्रेलर सीजी 12 बीजे 6820 खड़ा हुआ था। तभी बिलासपुर की ओर से आ रहा दोपहिया वाहनों से भरा कंटेनर एनएल 01 एजी 8038 ट्रेलर के पीछे से जा टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंटेनर के केबिन के परखच्चे उड़ गए। धमाका होने के साथ ही कंटेनर में आग लग गई। हादसे में ड्राइवर व कंडक्टर जिंदा जल गए। सुबह दोनों के सिर्फ कंकाल ही मिले। कंटेनर में दिए हुए नंबर पर संपर्क करने पर ड्राइवर की शिनाख्त अमित पिता गोरेलाल (28) भीखापुर, उत्तरप्रदेश और कंडक्टर विनय कुमार तिवारी पिता जगदीश तिवारी (25) गबरू थाना मंगलपुर जिला कानपुर देहात के रूप में की गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कंटेनर में आग लगने के बाद बम की तरह एक-एक कर धमाके होते गए कि कोई आग बुझाने की हिमत नहीं जुटा सका। घटना की सूचना मिलने एक से डेढ़ घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची, तब जाकर आग पर काबू पाया गया। कंटेनर में रखे लगभग 30 दोपहिया वाहन भी जलकर राख हो चुके थे। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हादसे की वजह स्पष्ट नहीं, पुलिस जांच में जुटी
मौके पर पहुंची नांदघाट पुलिस को फिलहाल हादसा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। आशंका है कि कंटेनर में रखे दोपहिया वाहनों में पेट्रोल भरा रहा हो, जो कंटेनर में आग लगने पर धधक उठी। आग लगने के सुबह 6 बजे तक स्कूटी के टायर बम की तरह फूटते रहे। घटना के बाद दहशत की स्थिति निर्मित हो गई। जेसीबी मशीन की सहायता से कंटेनर को हटाया गया, तब कहीं जाकर मृतकों के नाम मात्र बचे हुए अवशेष निकाले जा सके। पुलिस ने मृतकों के अवशेष को पोस्टमार्टम के लिए नवागढ़ भेजा।
पुलिस की गाड़ी कंटेनर से 200 मीटर पीछे थी
नांदघाट थाना प्रभारी अलीलचंद अपने दलबल के साथ रात्रि गश्त पर थे। घटना के कुछ मिनट पहले कंटेनर वाहन पुलिस गाड़ी से लगभग 200 मीटर के आगे चल रहा था। पुलिस वाहन जब तक घटना स्थल पर पहुंचा तब तक भीषण आग लग चुकी थी। ड्राइवर व कंडक्टर दोनों जिंदा जल गए थे। पहचान के नाम पर दोनों के कंकाल व कुछ मांस के लोथड़े ही बचे थे। मृतकों की पहचान गाड़ी में लिखे हुए मोबाइल नंबर पर कॉल करने से हुई। दोनों उत्तर प्रदेश के निवासी थे।
सीसीटीवी कैमरे में हुआ रिकॉर्ड, सडक़ दुर्घटना सहायता मित्र भी पहुंचे
इस भीषण सडक़ हादसे का पूरा वीडियो ढाबा में मौजूद सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। मौके पर पहुंचे एएसआई रघुवीर ध्रुव, हेड कॉन्स्टेबल दुर्गेश तिवारी, योगेश यादव, आकाश ठाकुर, विजय घृतलहरे, रूपेंद्र राजपूत, प्रताप यादव और सडक़ दुर्घटना सहायता मित्र मनीष शुक्ला और उनकी टीम सहित ढाबे के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन दोनों मृतकों को बचाया नहीं जा सका। वहीं पुलिस ने दोनों मृतकों के परिजनों को घटना की जानकारी दी। उनके परिजन शव को कब्जे में लेने उत्तरप्रदेश से रवाना हो चुके हैं।
पोस्टमार्टम के लिए नवागढ़ जाने की मजबूरी
नांदघाट पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर डॉ.राहुल राज सेवाएं दे रहे हैं। वहीं नांदघाट में ही पोस्टमार्टम के लिए मच्र्युरी के निर्माण भी किया गया है, लेकिन शव के पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जबकि कुछ वर्ष पहले ही नांदघाट में पोस्टमार्टम किए जाते थे। अब पोस्टमार्टम सुविधा के अभाव में पुलिस के साथ-साथ मृतकों के परिजनों को नवागढ़ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।