राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : यात्रा में राजधानी में कहीं खुशी कहीं गम
28-Sep-2023 2:35 PM
राजपथ-जनपथ : यात्रा में राजधानी में कहीं खुशी कहीं गम

यात्रा में राजधानी में कहीं खुशी कहीं गम 

रायपुर में परिवर्तन यात्रा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए काफी परेशानी की वजह रही। अपेक्षाकृत भीड़ नहीं जुटी, सो अलग। इसकी बड़ी वजह यह रही कि यात्रा 6 घंटे विलंब से पहुंची। रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में तो यात्रा का बुरा हाल रहा। कई जगहों पर तो पंडाल में दो-चार कार्यकर्ता ही नजर आए। 

यात्रा के स्वागत के लिए कई जगहों पर जोरदार इंतजाम किए गए थे। एक जगह पर तो 11 पंडित शंख लेकर खड़े थे। गणेश उत्सव चल रहा है। पंडितों को और जगहों पर पूजा के लिए जाना था। चूंकि यात्रा के पहुंचने में देरी थी इसलिए सारे पंडित इंतजार किए बिना दक्षिणा लेकर निकल गए। 

यही नहीं, एक जगह तो भारी भरकम माला पहनाने के लिए क्रेन का इंतजाम किया था। क्रेन का घंटे के हिसाब से किराया तय था मगर देरी को देखते हुए क्रेन को भुगतान कर लौटाना पड़ा। रायपुर पश्चिम में दावेदारों के बीच पोस्टर वार के बावजूद कई जगहों पर यात्रा का अच्छा स्वागत हुआ। रायपुर दक्षिण में भी ठीक ठाक भीड़ जुट गई। फिर भी राजधानी के हिसाब से जैसा माहौल बनना था वैसा नहीं बन पाया। 

सरगुजा अब भी शांत नहीं 

कांग्रेस में सरगुजा की कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर विवाद की स्थिति बन गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में सरगुजा की 14 सीटों के लिए टीएस सिंहदेव को फ्री हैंड दिया गया था। सिंहदेव ने डॉ. चरणदास महंत की सहमति लेकर सभी सीटों पर प्रत्याशी तय किए थे। इस बार परिस्थिति काफी बदल गई है। चर्चा है कि वो तीन सीटों पर मौजूदा विधायक की जगह नए चेहरे को टिकट दिलाना चाहते हैं, लेकिन वैसी परिस्थिति नहीं बन पा रही है। मौजूदा विधायकों को दूसरे खेमे का समर्थन प्राप्त है। देखना है कि केंद्रीय चुनाव समिति इस तरह के विवादों का निपटारा कैसे करती है। 

विश्वविद्यालय तोडऩा भारी पड़ा 

वो तो समय रहते सरकार ने अपनी गलती सुधार ली,वर्ना खैरागढ़ में मुश्किल हो जाती। एशिया के एक मात्र संगीत विश्वविद्यालय का राजधानी में अध्ययन केंद्र खोलकर 4 दिनों में फिर बंद कर दिया। शनिवार को उद्घाटित केंद्र को लेकर राजनीति तो इतवार से शुरू हो गई थी। विरोध स्वरूप खैरागढ़ बंद शतप्रतिशत सफल रहा। पान ठेले से लेकर शो रूम तक बंद रहे। क्योंकि बात खैरागढ़ की पहचान से जुड़ी थी। 

आरोप लगे कि राजधानी में रहने वाली कुलपति अपनी सुविधा के लिए 2014 के पारित प्रस्ताव को अमल में लाने खैरागढ़ से मंत्रालय, दौड़भाग करके  एक कर दिया था। आदेश हुआ, केंद्र का उद्घाटन भी हुआ। लेकिन वोटों की राजनीति भारी पड़ गई। सीएम का संभवत: यह पहला फैसला होगा जिसे वापस लिया हो। यही नहीं, किसी पद्मश्री कलाकार के हाथों उद्घाटित कला केंद्र चार दिन बाद ही बंद हो गया। अब समस्या केंद्र के लिए भवन के किराए की होगी।

हर माह का अनुबंध होगा तो ठीक है और यदि साल दो साल की एकमुश्त पेशगी दे दी गई होगी तो वह एक अलग विवाद होगा। इन सारी बातों के बीच सबसे अहम यह भी है कि शैलेन्द्र नगर का यह नार्थ फेसिंग भवन ही ‘विवादहीन’ नहीं है। पहले पापुनि था जो विवादों में रहा। फिर एक निजी कंपनी ने लिया, वह भी निकल गई। 

सोनवानी से परे भी जिम्मेदार हंै

छत्तीसगढ़ पीएससी के भयानक घोटाले के किस्से थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इसकी पहली खबर इसी कॉलम में छपी थी और उसके बाद से भाजपा के गौरीशंकर श्रीवास ने लगातार इसे उठाया। उन्होंने ट्विटर पर इस कॉलम की एक कतरन से यह लड़ाई शुरू की थी, जो कि अब हाईकोर्ट के एक हुक्म तक पहुंच चुकी है। 

इस पूरे मामले में पीएससी के चेयरमैन रहे टामन सिंह सोनवानी का किया हुआ भयानक घोटाला तो उजागर होते ही चल रहा है, और हाईकोर्ट में सुनवाई के जीवंत प्रसारण में यह देखने मिला कि किस तरह पीएससी घोटाले पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अपने साथी जज के साथ हैरान हो रहे थे। लेकिन इस पूरे मामले में एक दूसरे नाम की चर्चा अभी पीछे रह गई है। पीएससी का कोई भी घोटाला परीक्षा नियंत्रक के बिना नहीं हो सकता था। चेयरमैन तो हाथ झाड़ भी सकते हैं, लेकिन जिसके हाथ रंगे हुए हैं, उस परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की चर्चा अब तक कम है। इनके खिलाफ भी बहुत सी जानकारी लेकर पीएससी के निराश लोग इस स्तंभकार तक पहुंचे हैं। 

ट्रेनें रद्द, एयरपोर्ट पर गुंडागर्दी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट पर भूतपूर्व पार्किंग ठेकेदार से लेकर टैक्सी सर्विस की महिला कर्मचारियों तक की जो गुंडागर्दी आए दिन सामने आती है वह भयानक है। इनके बीच अलग-अलग चल रही हिंसा के वीडियो तैरते रहते हैं, और मानो सरकारी और संपन्न तबकों, ताकतवर नेताओं और अफसरों के इस्तेमाल वाले एयरपोर्ट के गुंडे भी ताकतवर रहते हैं, इसलिए वहां पर कोई कार्रवाई होते नहीं दिखती है। कल ही की खबर थी कि एयरपोर्ट पर पिछले ठेकेदार प्रवेश दुबे, सुभाष मिश्रा, और विनय दुबे ठेका खत्म होने के ढाई महीने बाद भी वहां वसूली करते हैं, और टैक्सी सर्विस वालों से उनके हिंसक झगड़े चलते रहते हैं। जिस एयरपोर्ट पर पहले विमान के घंटे भर पहले से आखिरी विमान के आधे घंटे बाद तक मंत्री-मुख्यमंत्री, सांसद-विधायक, आईएएस-आईपीएस बने ही रहते हैं, वहां पर गुंडागर्दी के ऐसे धंधे बताते हैं कि स्थानीय पुलिस-प्रशासन की इसमें भागीदारी है। अगर ऐसा नहीं होता तो इनमें से हर कोई हर दिन गिरफ्तार होते, और यह गुंडागर्दी खत्म होती। दूसरी तरफ यह राजधानी रायपुर जिस भाजपा सांसद सुनील सोनी के संसदीय क्षेत्र में है, उनको भी इस बात से कोई परवाह नहीं दिखती है कि उनकी सरकार के मातहत चलने वाले इस एयरपोर्ट पर लगातार किस तरह की गुंडागर्दी चल रही है, और मुसाफिरों को कितने लोग लूट रहे हैं। ऐसा लगता है कि सांसद खुद सुरक्षित रहते हैं, और बाकी लोगों से उनका कोई लेना-देना नहीं रहता। ऐसा तो हो नहीं सकता कि इस राजधानी में दो बार महापौर रहे हुए वर्तमान सांसद को यहां के अखबारों में तकरीबन रोजाना ही छपने वाली एयरपोर्ट-गुंडागर्दी की खबरें न दिखती हों। यह भी लगता है कि एयरपोर्ट डायरेक्टर जैसे ओहदे पर बैठाए गए अफसर को भी उनके इलाके में ऐसी संगठित गुंडागर्दी और वसूली-उगाही से कोई परहेज नहीं है। और जब किसी अफसर को ऐसा परहेज नहीं होता है, तो यह जाहिर होता है कि वह क्यों नहीं होता है। 

दूसरे देश-प्रदेश से यहां पहुंचने वाले लोगों को, चाहे वे पर्यटक हों, या संभावित पूंजीनिवेशक, उनको पहला नजारा गुंडागर्दी का देखने मिलता है, और राज्य सरकार को भी इस बात की परवाह नहीं लगती है कि इस नौबत को सुधारा जाए। इसी राजधानी में प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस अफसर रोजाना ही ऐसी खबरें देखते हैं, ऐसे वीडियो देखते हैं, और रोज यह गुंडागर्दी जारी है। दरअसल एयरपोर्ट पर सत्ता की ताकत से लैस लोगों की गाडिय़ों के लिए एक अलग इंतजाम रहता है, और इसलिए वे आम जनता पर हो रहे जुल्म और उनके खिलाफ हो रहे जुर्म से बेखबर और बेअसर भी रहते हैं। 

ट्रेनों के मुसाफिर हजारों मुसाफिर रेलगाडिय़ों के रद्द होने की तकलीफ झेल रहे हैं, और एयरपोर्ट के मुसाफिर एक अलग किस्म की गुंडागर्दी झेल रहे हैं। आने वाले चुनाव में देखते हैं कि ट्रेन और प्लेन पर काबू करने वाली भाजपा की केन्द्र सरकार के साथ वोटर कैसा सुलूक करते हैं। 

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news