राजपथ - जनपथ
हेल्थ की नई हेल्पलाइन
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में, सन् 2021 में जुलाई से सितंबर के तीन महीने के भीतर सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 29 लोगों की, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे, मौत हो गई थी। एक दो मौतों पर तो किसी का ध्यान नहीं जाता था। लगातार मौतें होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को पता चला। फिर कैंप वहां लगा। मरीजों की घर-घर तलाश की गई। करीब 270 लोग अस्पतालों में लाकर दाखिल कराए गए। प्राय: सभी खून की कमी और कुपोषण से पीडि़त थे। कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के मंत्री सरगुजा के ही प्रतिनिधि टीएस सिंहदेव थे। मगर स्थिति बदली नहीं। अभी विधानसभा चुनाव के बाद भी एक घटना सामने आई, जिसमें एक गर्भवती को डेढ़ किलोमीटर तक खाट पर उठाकर उनके परिजन एंबुलेंस तक पहुंचा पाए।
संयोग है कि इस बार ऐसे विषम इलाके से प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने लचर स्वास्थ्य सेवा को ठीक करने की मंशा जाहिर करते हुए निर्देश दिया है कि जरूरतमंदों पर आधे घंटे के भीतर एंबुलेंस पहुंचनी चाहिए। एक और दिलचस्प बात यह हुई है कि उनके बगिया निवास पर रोजाना फोन पर फोन आ रहे हैं। उन लोगों के, जिन्हें एंबुलेंस और इलाज की जरूरत है। वहां एक स्टाफ इसी काम को देख रहा है। ये फोन उनके जशपुर जिले से ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे स्थानों से भी आ रहे हैं। यानि एक तरह से सीएम का गांव वाला निवास मरीजों के लिए नया कॉल सेंटर बन गया है। मगर लोगों को इंतजार स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था में सुधार होने का है।
जानकारी खत्म, कानूनी, और...
पुरानी सरकार के बाद नई सरकार आने के बीच सरकारी दफ्तरों में कई तरह की अनहोनियां हो जाती हैं, या की और कराई भी जाती हैं । इसके पीछे कई कारण होते हैं। एक तो सरकार अधिकृत होता है कि पुरानी नस्तियों का दस्तावेजीकरण और कालातीत हो चुकी नस्तियों का विनष्टीकरण, 2013 में गृहमंत्री रहे नेताजी ने बीटीआई मैदान में ऐसा ही विनष्टीकरण कराया था।
और यदि कोई दस्तावेज डेस्कटॉप और लैपटॉप में सेव हो तो डिलिशन। और अनाधिकृत या गैर सरकारी तरीका है, ऐसे सबूत ही गायब कर दें। मेकाहारा के सामने स्वास्थ्य विभाग के एक चर्चित प्रशिक्षण केंद्र में हुआ भी ऐसा । यहां के अफसर के दो लैपटॉप चोरी चले गए। डॉ. साहब ने एहतियातन चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई । पुलिस ने बताया दो से तीन दिन बाद दोनों लैपटॉप मिल भी गए। कैसे चोरी हुए, किसने किया, और किसने ला छोड़ा या कहां, किसके पास मिले, इन सवालों का जवाब पुलिस के पास भी नहीं है। दफ्तर में चर्चा है कि दोनों मशीनों में सेव मटेरियल तो गायब हो गए हैं। ये क्या थे। यह साहब लोग ही
जानते हैं..!
सांताक्लाज पापा के कंधे पर
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में भी बड़ा दिन, बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। सब अपनी-अपनी सुविधा और हैसियत के अनुसार खुश रहने, परिवार को खुशी देने की कोशिश कर रहे हैं। इस तस्वीर में पापा रोजमर्रा के काम में तो लगा ही है। कंधे पर बैठे बेटे ने सांताक्लाज के लिबास में है। (फोटो प्राण चड्ढा)