राजपथ - जनपथ
पुलिस भर्ती का तीसरा कार्यकाल
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में मेंस का एग्जाम पास कर इंटरव्यू दिलाने वाले परीक्षार्थियों ने बिलासपुर से रायपुर तिरंगा लेकर पदयात्रा निकाली और चयन सूची जल्द जारी करने की मांग की। दूसरी ओर मेंस क्वालिफाई नहीं कर पाए युवक भी अचानक सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सांसदों को ज्ञापन और रायपुर में पैदल मार्च कर एसपी को मांग पत्र सौंपा। इन्होंने भर्ती रद्द करने की मांग की है। इनका कहना है कि इसमें कई विसंगतियां थी। सरकार ने हाई कोर्ट में इस बात को स्वीकार भी किया। बहुत संभव है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई हो लेकिन सरकार बदलने के बाद ही यह मांग तेज क्यों हुई है, इस पर सवाल उठ सकता है। राजस्थान में कल भाजपा की नई सरकार ने गहलोत सरकार के दौरान 50 हजार पदों पर की गई महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती रद्द कर दी। छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर भर्ती की प्रक्रिया सन् 2017 में शुरू हुई थी। इस हिसाब से यह सरकारों का तीसरा कार्यकाल हो गया। शायद अब तक की यह राज्य में सबसे लंबी भर्ती प्रक्रिया है। अब यह प्रक्रिया रद्द की गई तो पता नहीं और कितने साल नई भर्ती में लगेंगे। सरकारों के बदलने के बाद भर्ती और भर्ती प्रक्रियाओं पर उठने वाले सवालों से सहज ही माना जा सकता है कि इन नियुक्तियों में पारदर्शिता का अभाव है।
अटल नगर की वीरानी दूर होगी?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सिविल लाइन के सीएम हाउस की बजाय नया रायपुर में नवनिर्मित मुख्यमंत्री निवास में रहने का फैसला लेकर कई अफसर नेताओं यहां तक की मंत्री और विधायकों की भी चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री को लगा होगा कि जिस नई राजधानी के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, आखिर उसे कब तक वीरान रखा जा सकता है? सीएम हाउस 65 करोड रुपए की लागत से तैयार हो चुका है। 5 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट ने फैसला लिया था कि जो काम गैर जरूरी है उन्हें तुरंत रोका जाए और नए शहर में बसावट के लिए जरूरी काम जल्दी से जल्दी पूरा कर लिया जाए। मगर देखते देखते 5 साल बीत गए। मुख्यमंत्री और अधिकांश मंत्रियों के आवास लगभग तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस के काम नहीं आ सका क्योंकि सरकार चली गई। अब जब सीएम ने खुद यहां पर रहने का फैसला कर लिया है तो जाहिर है धीरे-धीरे मंत्री और विधायक और साथ-साथ अफसर भी यहां रहने का ठिकाना बना ही लेंगे। मुख्यमंत्री के इस फैसले ने नया रायपुर को खंडहर बनाने से बचा लिया है। दिक्कत आम लोगों को जरूर होगी, जिनके लिए अब भी नया रायपुर तक पहुंच पाने की सुविधा किफायती नहीं है।
नए साल में नए चेहरे
भाजपा में हफ्ते भर में संगठन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। तीनों महामंत्री विजय शर्मा, केदार कश्यप, और ओपी चौधरी की जगह नए महामंत्री नियुक्त किए जाएंगे। तीनों ही सरकार में मंत्री बन चुके हैं।
चर्चा है कि रायपुर संभाग से संजय श्रीवास्तव, बस्तर से डॉ.सुभाऊ कश्यप, महेश गागड़ा, और बिलासपुर से सौरभ सिंह व सरगुजा से अनुराग सिंहदेव में से महामंत्री का दायित्व सौंपा जा सकता है। संगठन में भी सामाजिक समीकरण को देखकर पद दिए जाने की चर्चा है।
भाजयुमो और अन्य मोर्चा प्रकोष्ठ में भी नई नियुक्ति की जाएगी। कहा जा रहा है कि कुछ पहली बार के विधायक को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूची को लेकर चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो हफ्ते भर के भीतर प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव की नई कार्यकारिणी घोषित हो सकती है।