राजपथ - जनपथ
ड्राइवरों की चिंता कम करने का उपाय
नया मोटर व्हीकल कानून गाड़ी चलाने वालों पर लागू होगा लेकिन भारी वाहनों के चालक ही इसके विरोध में सडक़ पर उतरे। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि दुर्घटनाओं के लिए भारी वाहनों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसके बावजूद कि कई बार कार, बाइक या दूसरी छोटी गाडिय़ां ओवरस्पीड, रॉन्ग साइड या गलत जगह पर ओवरटेक करने के कारण भारी गाडिय़ों से टकराती हैं। भारी गाडिय़ों का ड्राइवर साबित ही नहीं कर पाता कि उसकी गलती नहीं है और सजा मिल जाती है। पहले मामूली जुर्माना और अधिकतम दो साल की सजा थी। बीमा कंपनियों पर हर्जाने की जिम्मेदारी थी, तो चिंता कम भी थी। नया कानून लागू हो गया तो 10 साल की सजा और सात लाख रुपए का जुर्माना ड्राइवर के सिर पर। दूसरी ओर कई पश्चिमी देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर, डेनमार्क, इटली, नीदरलैंड वगैरह में ड्राइवर को मौका मिलता है कि वे अपने को बेकसूर बता सकें। वहां गाडिय़ों में डैश कैम लगाने की मंजूरी दी गई है, जिसे साक्ष्य माना जाता है। यह कैमरा डैशबोर्ड पर लगता है और सामने सडक़ की वीडियो को रिकॉर्ड करता है। इससे यह पता चलता है कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार कौन है। ड्राइवर खुद भी सतर्क रहता है, क्योंकि उसकी गलती भी कैमरे से पकड़ में आ जाती है। ऐसी गाडिय़ों को बीमा कंपनियां प्रीमियम में छूट भी देती हैं।
केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में सडक़ दुर्घटनाओं को कम के लिए कई कदम उठाए हैं। नए कानून का भी मकसद यही है। ऐसे में हो सकता है देर-सबेर यह उपकरण अपने यहां भी देखें ।
राम मंदिर पर सवाल को ना...
फिल्म स्टार गोविंदा कभी राजनीति में थे। सन् 2004 में कांग्रेस की टिकट पर वे उत्तर मुंबई से जीतकर सांसद भी बने। उन्होंने अटल मंत्रिमंडल के तब के पावरफुल मंत्री राम नाईक को हराया था। पर अब गोविंदा या उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं है। शुक्रवार को वे अपनी पत्नी सुनीता आहूजा के साथ एक निजी कार्यक्रम में बिलासपुर आए थे। सुनीता ने रतनपुर में महामाया का दर्शन किया। कुछ न्यूज़ चैनल वाले सामने आ गए। महामाया मंदिर, छत्तीसगढ़ और बिलासपुर के बारे में उन्होंने अच्छी-अच्छी बातें कहीं। पर जैसे ही सवाल किया गया कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, आपका क्या विचार है? सवाल पूरा भी नहीं हुआ था और उन्होंने रिपोर्टर को रोक दिया। भैया, मैं राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं दूंगी। इतना कहते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गई।
हैरानी नहीं होनी चाहिए। समय कुछ ऐसा ही चल रहा है। राम भगवान पर आप कुछ भी बोलें, इससे आपकी धार्मिक आस्था नहीं, राजनीतिक दृष्टिकोण का पता चल रहा है।
मुझे भी सिखाओ राइफल चलाना...
गश्त पर राइफल लेकर निकली सशस्त्र महिला पुलिस की जीप के भीतर बंदर पहुंच गया। भीतर बैठी दोनों महिला कर्मियों ने धैर्य से काम लिया। बंदर छेड़ता रहा, वे उसे दुलारते रहे, लेकिन डर भी रहे थे कि वह नाखूनों से खरोंच न दे, या मोबाइल छीन कर न भाग जाए। करीब एक मिनट तक बंदर जीप के भीतर दोनों महिला पुलिस जवानों के साथ खेलता रहा, फिर बाहर से किसी ने डांटा तो वह चुपचाप उतर कर भाग गया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो आज वायरल हो रहा है। यह तस्वीर यूपी की बताई जा रही है।