राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : एक अनार कई बीमार
13-Sep-2023 2:34 PM
 राजपथ-जनपथ : एक अनार कई बीमार

एक अनार कई बीमार 

रायपुर उत्तर विधानसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व को प्रत्याशी के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कांग्रेस में दो बार के विधायक कुलदीप जुनेजा की स्वाभाविक दावेदारी है। मगर आर्थिक रूप से सक्षम एक-दो नेताओं ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। चर्चा तो यह भी है कि  पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी यहां की टिकट को लेकर दिलचस्पी ले रहे हैं। 

छानबीन समिति के सदस्य भी दावेदारों की जंग से परेशान हैं, और कहा जा रहा है कि कुलदीप की टिकट कटी, तो आम राय बनाने की कोशिशों के तहत किसी चिकित्सक को आगे लाया जा सकता है। यही हाल, भाजपा में भी है। पार्टी के सह प्रभारी नितिन नबीन, संजय श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं। मगर पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, केदार गुप्ता सहित कई और की अपनी दावेदारी भी है। इन सबसे परे चेम्बर अध्यक्ष अमर पारवानी, और कई और प्रमुख नेताओं ने शदाणी दरबार के प्रमुख युधिष्ठिर लाल के बेटे उदय को टिकट देने की वकालत की है। उदय के लिए संघ परिवार के नेताओं ने भी पैरवी की है। अब आगे क्या होता है, यह देखना है।

आखिरकार बिदा  

आखिरकार विवादों के बीच पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का कार्यकाल खत्म हो गया। उनकी जगह नई नियुक्ति के लिए उपयुक्त नाम तलाशे जा रहे हैं। इन सबके बीच राज्य सेवा परीक्षा के कुछ दिन पहले के नतीजों को लेकर भी काफी कुछ कहा जा रहा है। 

बताते हैं कि इस बार एक दर्जन से अधिक ऐसे अभ्यार्थी थे जो कि पूर्व की परीक्षा में सफल थे, और वो नायब तहसीलदार व अन्य श्रेणी के पदों पर कार्यरत हैं। वर्तमान में ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन सबको और बेहतर पद पर जाने की उम्मीद थी, मगर इस बार तकरीबन सभी को इंटरव्यू में  60 से 65 के बीच ही अंक मिल पाए, और ऊंचे पद पर जाने की उम्मीद रह गई। 

कुछ लोग बताते हैं कि एक अभ्यार्थी से इंटरव्यू में कामकाज के बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि वो कोचिंग में पढ़ाते हैं। बस, बोर्ड के एक सदस्य इससे खफा हो गए, और कहा कि कोचिंग सेंटर वाले ही पीएससी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर झूठा प्रचार करते हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो पता नहीं, लेकिन पीएससी परीक्षाओं के किस्से रोज छन-छनकर सोशल मीडिया, और अन्य प्लेटफार्म के जरिए बाहर निकल रहे हैं। 

छतरी काली नहीं सफेद होनी चाहिए...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 14 सितंबर को रायगढ़ पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम के मुताबिक वे दोपहर 2.55 बजे जिंदल हवाईपट्टी पर उतरेंगे। यहां वे 30 मिनट तक उद्घाटन कार्यक्रम में होंगे फिर 3.45 बजे से 4.30 बजे तक आमसभा को संबोधित करेंगे। इसके 15 मिनट बाद वे वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे। उनके स्वागत की तैयारी अंतिम चरण पर है। चार वाटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं। जिस जगह आमसभा हो रही है वह भी इनमें से एक है, जहां 30 हजार लोग एक साथ बैठ सकेंगे। बारिश का मौसम है, डोम का वाटरप्रूफ होना जरूरी है। पर प्रधानमंत्री को विमान से उतरते समय, कार से उतरकर मंच पर चढ़ते समय छतरी की जरूरत पड़ सकती है। प्रोटोकॉल में बताया गया है कि यह छतरी सफेद होनी चाहिए, काली छतरी का इस्तेमाल नहीं होगा। व्यवस्था में लगे अफसरों ने दुकानों में तलाश करवाई। रायगढ़ और आसपास के किसी दुकान में सफेद छतरियां नहीं मिलीं। अफसर परेशान थे। आखिरकार एक आदमी रायपुर से सफेद छतरियां लेकर पहुंच गया है। अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

ऐसी धरपकड़ सालभर हो तो?

प्रदेश में पुलिस चेकिंग के दौरान जिस तरह गाडिय़ों से कैश, कंबल, साडिय़ां और सोने-चांदी के आभूषण मिल रहे हैं, वह हैरान करता है। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पुलिस को दो तरह के काम अभी से सौंप दिये गए हैं। एक तो गुंडे बदमाशों की खबर रखना, दूसरा गाडिय़ों की तलाशी करना। सन् 2018 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता 6 अक्टूबर को लागू हुई थी। यदि और कोई अड़चन नहीं आती है तो इसी के आसपास चुनाव की तारीख फिर घोषित हो जाएगी। पिछली बार आचार संहिता लागू होते ही गाडिय़ों की तलाशी का अभियान भी शुरू हुआ। इस बार यह काम महीना भर पहले से शुरू हो गया है। चेंकिंग के दौरान भारी मात्रा में कपड़े, खासकर साडिय़ां, होजियरी सामान मिल रहे हैं, कैश और जेवर मिल रहे हैं। शराब अभी कम पकड़ी जा रही है। विभिन्न जिलों की पुलिस अब तक दो करोड़ रुपये से अधिक के कैश और कपड़े जब्त कर चुकी है। कपड़ों के कई मामलों में तो दावेदार भी नहीं आए हैं। बोरियों में भरी साडिय़ों को लावारिस हालत में पाया गया है। कैश के अलावा मंगलवार को चांपा से 1.80 करोड़ के आभूषण और बिलासपुर से 44 लाख रुपये की चांदी जब्त की गई। इसी तरह के कई और मामले सामने आते जा रहे हैं।

सवाल यह उठ रहा है कि क्या सब सामान विधानसभा चुनाव के लिए अभी से डंप किए जा रहे हैं? अभी तो अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार भी तय नहीं हुए हैं, फिर यह किसकी तैयारी है? एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि हमें तो अभी निर्देश मिला है, चेकिंग करने का। सालभर चेकिंग करने की छूट दी जाए तो ऐसे मामले रोजाना पकड़े जाएंगे। बिना बिलिंग के कपड़े और आभूषणों का परिवहन बारहों महीनों होता है। इनमें जीएसटी की चोरी होती है। दो नंबर का माल शहरों से गांवों में खपाया जाता है। सोना और चांदी महानगरों से लाकर छोटे शहरों, कस्बों में खपाई जाती है। पुलिस जो जब्ती बना रही है, हो सकता है उनमें कुछ सामान चुनाव में बांटने के लिए हो, लेकिन ज्यादातर मामले टैक्स चोरी के हैं। उस जीएसटी का टैक्स वसूल करने का सटीक जरिया बताया गया है। जो लाखों रुपये नगद मिल रहे हैं, वे भी ऐसी आमदनी है, जिन्हें खाते से निकालने के बाद किसी और खर्च में दिखाया गया और टैक्स बचा लिया गया।

गौठान शराब पीने का अड्डा !

कांकेर के भाजपा प्रत्याशी आशाराम नेताम का तैयार कराया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दो युवक- मामा-भांजा, शराब खरीदते हैं। पीने की जगह ढूंढते हैं और गौठान में यह कहते हुए आकर बैठते हैं कि भूपेश सरकार ने गांव-गांव में शराब पीने की अच्छी व्यवस्था कर दी है। बढिय़ा खाली-खाली गौठान है, गाय गरुवा तो हैं नहीं। इसी का फायदा तो हमको उठाना है। संवाद है- ये कांग्रेस सरकार है मामा, बोलती कुछ है करती कुछ..., सिस्टम बदलना है भांजा।

गौर करने की बात है कि इसमें दारू दुकान और गौठान असली दिखाए गए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस और भाजपा में विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जो गौठान गाय माता रखने की जगह है, वहां भाजपा प्रत्याशी के लोग बैठकर दारू पी रहे हैं। एनएसयूआई ने एक शिकायत भी पुलिस को सौंप दी है, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग है। भाजपा प्रत्याशी आशाराम ने सफाई दी कि गौ माता का अपमान करना हमारा मकसद नहीं था, यह बताना था कि गौठान में गाय नहीं रहती और वह दारू पीने का अड्डा बना हुआ है। पुलिस में शिकायत तो हुई है, थानेदार कह रहे हैं कि इसमें कानून का कोई उल्लंघन हुआ है या नहीं, वे देख रहे हैं।

इस घटना ने आठ-दस माह पुरानी कांकेर की एक दूसरी घटना याद दिला दी। कांग्रेस के एक सम्मेलन के पहले यहां से एक ऑडियो वायरल हुआ था। भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर दावा किया था कि यह ऑडियो एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सुमित राय का है। इसमें एक शराब दुकान के मैनेजर से उनकी बहस हो रही है। मैनेजर 3 हजार रुपये चंदा देने के लिए तैयार है, जबकि डिमांड 5 हजार रुपये की हो रही है। कांग्रेस ने बचाव में कहा था कि इसमें एनएसयूआई नेता की आवाज नहीं है।

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