राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : प्रचारक और समर्थक सीमारेखा
24-Sep-2023 3:40 PM
राजपथ-जनपथ : प्रचारक और समर्थक सीमारेखा

प्रचारक और समर्थक सीमारेखा

चुनाव प्रचार के लिए भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों का आना शुरू हो गया है। कांग्रेस में प्रचारकों के सत्कार आदि व्यवस्था पर चर्चा के लिए पार्टी की प्रोटोकाल समिति की बैठक भी हो चुकी है। बैठक में कई ऐसी हिदायत दी गई जो समिति के सदस्यों को नागवार गुजर रही है।

मसलन, समिति के सदस्यों से कहा गया कि वो होटल आदि में प्रचारकों के टॉयलेट आदि का इस्तेमाल न करें। बिना अनुमति के प्रचारकों के कमरे में न जाएं। यह भी कहा गया कि वो हेलीपैड या एयरपोर्ट तक साथ जाएं लेकिन उनके साथ हेलीकॉप्टर में जाने और फोटो खिंचवाने की जिद न करें। यह भी कहा गया कि प्रचारकों की सुविधाओं में किसी तरह की कमी न हो, यह सुनिश्चित करें। चर्चा है कि इस तरह की हिदायत से कुछ सदस्य नाखुश हैं।

अब सबको मौका

सह प्रभारी नितिन नवीन ने क्या घुट्टी पिलाई कि भाजपा की सभी चुनावी समितियां न केवल सक्रिय हो गई बल्कि इनके पदाधिकारियों में खुशी की लहर है । दरअसल डेढ़ दो माह पहले भाजपा ने दर्जन भर समितियों का गठन कर छोटे बड़े नेता कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी । मगर इन सभी का काम दो ही नेता सम्हाले हुए थे। जो भाईसाहबों के नाम पर अपने कुछ निर्देश पर भी काम करवा लेते थे। इससे इन समितियों के लोग खिन्न चल रहे थे। यहां तक कि वे सभी ठाकरे परिसर से भी दूरी बनाए हुए थे। इसकी भनक लगते ही नवीन जी ने परसों सभी समितियों की बैठक लेकर नई जान फूंक दी। उन्होंने क्या किया हम नहीं बताएंगे। वे सभी जानते हैं। लेकिन शनिवार को आठ केंद्रीय मंत्री आए सबका भीड़ भरा स्वागत हुआ और हर बार चेहरे बदलते रहे। यानी सभी को अवसर मिल रहा है।

भाजपा मेहनत तो कर रही है

भाजपा के 21 प्रत्याशियों की घोषणा को महीने भर से अधिक हो चुके हैं। इन सीटों पर पार्टी को पिछले चुनावों में जीत नहीं मिली थी। मगर इस बार कुछ प्रत्याशियों की स्थिति कुछ बेहतर दिख रही है। इसकी एक बड़ी वजह बूथ प्रबंधन है।

चर्चा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, और सहचुनाव प्रभारी डॉ.मनसुख मंडाविया खुद प्रत्याशियों की स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। रायगढ़, सरगुजा की सीटों के प्रत्याशियों का बूथ प्रबंधन संभालने के लिए उत्तराखंड, और झारखंड के विधायकों को भेजा गया है। प्रचार के लिए यूपी की गाडिय़ां पहुंच गई हैं। बागियों पर नजर रखी जा रही है, और उनका मान-मनौव्वल कर प्रचार में लगाने के काम में कई नेता जुटे हुए हैं।

इसका नतीजा यह हुआ कि कई सीटें जहां भाजपा पिछले चुनावों में कमजोर रही है, वहां अब स्थिति बेहतर दिख रही है। रायगढ़, और जशपुर जैसे जगहों में प्रदेश के चुनाव प्रभारी ओम माथुर आधा दर्जन बार चक्कर काट चुके हैं। खुद मंडाविया लगातार दौरा कर रहे हैं। हालांकि अभी कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है लेकिन भाजपा की तैयारियों से साफ दिख रहा है कि इस बार उन्हें कांटे की टक्कर मिल सकती है। 

गौ माता की कहानियाँ 

पिछले दिनों हम सब ने एक गौ प्रेम की एक खबर पढ़ी और वीडियो भी देखा था कि एक गौ माता चंद्र मणि पंडरी कपड़ा मार्केट की एक दुकान में रोजाना आकर सेठजी की गद्दी में बैठकर फल खाकर चली जाती है। यह सिलसिला छह सात साल से चल रहा है। कुछ ऐसा ही  दुर्ग के सदर बाजार के सियाराम मंदिर में भी एक गौमाता की आवाजाही होती है । मंदिर में  कोरोना के बाद से ही नित्य, रामचरितमानस का पारायण होता है।

एक गौ माता पिछले कुछ समय से बिना नागा  मानस पारायण का जो समय निश्चित होता है आती है और जितने भी पारायण करने वाले भक्त स्त्री-पुरुष बैठे होते हैं। सब के पास बारी बारी से जाकर सेवा का अवसर देती है। लोग उसके गले सिर माथे को सहलाते जाते हैं। और तो और किसी के एक के न आने पर वह  उस रिक्त स्थान पर बैठ जाती है। जितनी देर मानस पारायण होता है वह उतनी देर ही रहती है, फिर वापस चली जाती है। अब लोग रायपुर और दुर्ग की इन दोनों गौ माता का पूर्व जन्म का रिश्तेदार बताने से नहीं चूक रहे। हालांकि दूसरे लोग इसे अंधश्रध्दा कहने से नहीं चूक रहे।

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news