राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : समझदार पूँजी निवेश
03-Aug-2022 5:45 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : समझदार पूँजी निवेश

समझदार पूँजी निवेश

आईटी-ईडी की धमक से सरकारी सेवकों, और कारोबारियों में दहशत है। कुछ लोगों ने इसका तोड़ भी निकाल लिया है, वो ऐसी जगह निवेश कर रहे हैं, जो कि केंद्र सरकार में अच्छी दखल रखते हैं।

सुनते हैं कि ऐसे ही एक चतुर आईएएस भाजपा के पूर्व मंत्री से जुड़े प्रतिष्ठान में करीब 20 सीआर निवेश किए हैं। अफसर पिछली सरकार में पूर्व मंत्री के आंखों के तारे रहे हैं।

कारोबारी घराना भी पूर्व मंत्री, और अफसर के रिश्तों से भली-भांति परिचित है। ऐसे में अफसर को रकम डुबने का अंदेशा नहीं है। यदि जांच एजेंसियां धोखे से घर-दफ्तर पहुंच भी गई, तो दामन साफ दिखेंगे ही।

स्वागत में भी साजिश!

सौदान सिंह की जगह आए अजय जामवाल के स्वागत के लिए ऐसी भीड़ उमड़ी कि वो खुद अचकचा गए। भाजपा में संगठन मंत्रियों की हैसियत प्रदेश अध्यक्ष से ऊंची होती है। ऐसे में हर कोई उन्हें चेहरा दिखाना चाहता था।

अजय जामवाल एयरपोर्ट पहुंचे, तो कुछ लोगों ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की, कि वो ज्यादा लोगों से न मिल पाए। इन्हीं में से एक प्रीतेश गांधी ने तो एयरपोर्ट में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एंट्री टिकट का काउंटर ही दो घंटे के लिए बंद करवा दिया।

गांधी के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा फट पड़ा है, और पार्टी नेताओं के वॉटसएप ग्रुप में उन्हें काफी कोसा जा रहा है। कुछ ने तो उनका बायोडाटा निकलवाया तो पता चला कि प्रीतेश रायपुर के एयरपोर्ट सलाहकार समिति में है ही नहीं। वो इंदौर  एयरपोर्ट सलाहकार समिति के सदस्य हैं। प्रीतेश पर पीएमओ में पकड़ होने का धौंस दिखाकर अफसरों का प्रभाव दिखाने की कोशिश का आरोप लग रहा है। एक-दो ने तो उनकी शिकायत अजय जामवाल से करने की तैयारी की है। देखना है आगे क्या होता है।

ईडी के रहते सीबीआई की मांग 

छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि सरकार सीबीआई को जांच करने की अनुमति दे। उनका कहना है कि सीबीआई के पास 7 शिकायतें पड़ी हैं, जिनमें करीब 80 करोड़ रुपये का घोटाला बताया गया है। सीबीआई इन सबकी जांच नहीं कर पा रही है क्योंकि राज्य सरकार से सहमति नहीं मिल रही। दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि इस जांच की मांग विकास कार्यों को अवरुद्ध करने और सरकार को अस्थिर करने के लिए की जा रही है। कांग्रेस नान घोटाला, पनामा पेपर घोटाला और चिटफंड घोटाले की भी याद दिला रही है।

वैसे सीबीआई जांच में एफआईआर दर्ज होने से जमानत मिलने तक ही परेशानी है। पीछे मुडक़र देखें तो छत्तीसगढ़ के ही ऐसे कई मामले हैं जो वर्षों से लटके हैं। इन दिनों चर्चा में है तो आईटी और खासकर प्रवर्तन निदेशालय या ईडी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की सन् 2018 में बढ़ाई गई शक्तियों पर मुहर भी लगा दी है। आईटी छापे छत्तीसगढ़ में पड़ चुके हैं, ईडी को काम पर लगाना बाकी है।

यह बराबरी की बात है...

वर्षों से जिन गतिविधियों में पुरुषों का वर्चस्व रहा है, उनमें महिलाओं को बराबरी पर लाने के प्रयोग किए जाते हैं। आस्था से जुड़े विषयों में भी यह देखा जाता है। इसी तस्वीर को देखिए। ये बस्तर की आदिवासी लड़कियां हैं, जो कांवड़ यात्रा पर सडक़ में पैदल निकली हैं। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट इस टिप्पणी के साथ की गई है कि- जब इन बहनों के कदम स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की ओर बढ़ेंगे तब स्थानीय बस्तरिया सचमुच विकास के नए आयाम गढ़ेंगे। एक ने लिखा है-काश, शिक्षा के लिए भी इतना इंतजाम किया गया होता, जितना शिक्षा से दूर रखने के लिए किया जा रहा है।

वैसे यह नहीं मालूम है कि ये श्रद्धालु लड़कियां स्कूल-कॉलेज जाती हैं या नहीं। इसलिए आप अपनी राय अपने हिसाब से बनाएं।

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