राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भाजपा में दिलचस्प दिन शुरू
21-Aug-2022 5:58 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भाजपा में दिलचस्प दिन शुरू

भाजपा में दिलचस्प दिन शुरू    

क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) अजय जामवाल को आए कुछ दिन ही हुए हैं, लेकिन उन्होंने कम समय में ही अलग-अलग धड़ों में बंटे नेताओं को एक मंच पर लाने में कुछ हद तक सफल भी दिख रहे हैं। जामवाल की बातों पर असंतुष्ट नेताओं का  भरोसा जगा है।

जामवाल ने लंबे समय से हाशिए पर चल रहे एक दिग्गज नेता से उनके घर जाकर लंबी चर्चा की। चर्चा है कि जामवाल ने नेताजी को पिछली सारी बातें भुलाकर पूरी ताकत से जुट जाने की नसीहत दी। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें सारी बातों की जानकारी है, और आगे उनके साथ अब अन्याय नहीं होगा। जामवाल की बातों का तुरंत असर भी दिखा। नेताजी ने शिकायत किए बिना आगे की कार्ययोजना पर काफी बातें की।

जामवाल बिना लागलपेट के अपनी बात कह रहे हैं। युवा मोर्चा के 24 तारीख को प्रस्तावित प्रदर्शन को लेकर सीनियर नेताओं के बीच आपस में चर्चा हो रही थी। एक सांसद ने कह दिया कि  एक लाख लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है। आप उन्हें कहां ठहराएंगे? इस पर जामवाल ने उन्हें टोकते हुए कहा कि यह सोचना आपका काम नहीं है। आप अपने इलाके से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की प्रयास करें।

फेरबदल तो ठीक था, लेकिन...

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का हटना तो तय था, लेकिन उनकी जगह जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था, और पार्टी हल्कों में उपयुक्त माना जा रहा था, उनका चयन न होकर नारायण चंदेल का नाम तय हो गया। चर्चा है कि कुछ विधायक भी इस बदलाव से खुश नहीं है। मजबूत दावेदार ने निजी चर्चा में बदलाव पर कुछ नहीं कहा, सिर्फ एक मैसेज भेजकर अपनी बातें कह दी कि ख्वाब तो मीठे देखे थे, ताज्जुब है...आंखों का पानी खारा कैसे हो गया...।

टॉप टेन सीएम की सूची में आना बघेल का..

देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्रियों पर किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात निकलकर सामने आई है कि भाजपा की सरकार देश के सबसे ज्यादा 13 राज्यों में है लोकप्रियता के मामले में, मगर क्षेत्रीय दलों के मुख्यमंत्री आगे हैं। दूसरा तथ्य यह है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश और राज्यों में लोकप्रियता के हिसाब से बनाई गई दोनों ही सूची में टॉप टेन में शामिल हैं। 

इंडिया टुडे मैगजीन के सर्वेक्षण के अनुसार अपने राज्य में सबसे लोकप्रिय ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं। दूसरे स्थान पर हेमंत बिस्व सरमा, असम है। तीसरे से लेकर 10वें क्रम पर जिन मुख्यमंत्रियों को रखा गया है, वे इस प्रकार हैं- एमके स्टालिन तमिलनाडु अरविंद केजरीवाल दिल्ली, वाईएस जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश, पुष्कर धामी उत्तराखंड, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़, कोनराड संगमा मेघालय, शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश और बसवराज बोम्मई कर्नाटक। इनमें असम, उत्तराखंड तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा से हैं जबकि मेघालय में भाजपा के समर्थन से सरकार चल रही है।

इसमें दूसरा सर्वेक्षण है देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय मुख्यमंत्री का। पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ को बताया गया है उसके बाद के क्रम में क्रमश: अरविंद केजरीवाल दिल्ली, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल, एमके स्टालिन तमिलनाडु, वाईएस जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश, नवीन पटनायक ओडिशा, हेमंत बिस्व सरमा असम, शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ और बसव राज बोम्मई कर्नाटक शामिल हैं। इस तरह से इस सूची में भी 10 में से 6 मुख्यमंत्री गैर भाजपा दलों के हैं।

दिलचस्प यह है कि देश में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री की सूची में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शीर्ष पर हैं, पर अपने गृह राज्य में लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की सूची में वे टॉप टेन में शामिल नहीं हैं।

दोनों ही सूची में क्षेत्रीय दलों के मुख्यमंत्रियों की संख्या पांच है। दिलचस्प यह है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम दोनों ही सूची में शामिल है। देश और राज्य में लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की दोनों ही सूची में कांग्रेस के दूसरे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम शामिल नहीं है।

सुपर वासुकी की भीतरी कहानी...

15 अगस्त को रेल मंत्री ने 3.5 किलोमीटर लंबी ट्रेन को लेकर एक वीडियो ट्वीट किया और इसे रेलवे के अधिकारियों सहित सैकड़ों लोगों ने रिट्विट भी किया। जिक्र था कि छह मालगाडिय़ों के बराबर 27 हजार टन कोयला लेकर कोरबा से नागपुर के लिए सुपर वासुकी ट्रेन रवाना की गई। इस तरह से रेलवे ने अमृत महोत्सव मनाया। कहीं भी जिक्र नहीं था कि यह ट्रेन राजनांदगांव में अलग करनी पड़ी और दो भाग कर  नागपुर तक की दूरी तय की जा सकी। ट्रेन ने राजनांदगांव तक की दूरी को भी करीब 12 घंटे में तय किया, जिसका मतलब यह था कि यह काफी धीमी गति से चली। राजनांदगांव में इसे अलग-अलग कर क्यों चलाना पड़ा, इस पर रेलवे ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। पर सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट से रेलवे को वाहवाही जरूर मिल गई। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने तो रेलवे की इस कवायद की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा है कि आये दिन मेंटनेंस के नाम पर ट्रेन रद्द की जाती है तो इतनी दुर्घटनाएं क्यों हो रही है? मालगाडिय़ों को पार कराने के लिए आउटर पर यात्री ट्रेनों को घंटों रोका जाता है। कोयला संकट की बात कहकर रेल मंत्री कौन सा रहस्य छुपाना चाहते हैं? इसके नाम से घोटाला तो नहीं रचा जा रहा है। छत्तीसगढ़ और कोरबा के यात्रियों के साथ भद्दा मजाक हो रहा है।

वैसे, अमृत महोत्सव पर ट्रेनों को समय पर चलाने और अनावश्यक रद्द नहीं करने का ऐलान कर दिया होता शायद रेल मंत्री को ज्यादा वाहवाही मिलती।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news