राजपथ - जनपथ
चुनाव सोशल मीडिया पर भी
विधानसभा चुनाव में दस महीने बाकी रह गए हैं। ऐसे में कांग्रेस, और भाजपा के दिग्गज नेता चुनाव तैयारी में जुट गए हैं। चुनाव तैयारियों की व्यस्तता के चलते दोनों ही दलों के आर्थिक रूप से सक्षम नेताओं ने सोशल मीडिया हैंडल करने के लिए निजी कंपनियों की सेवाएं ले रहे हैं। प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने तो एक चर्चित कंपनी को काम भी दे दिया है। खास बात यह है कि दोनों ही दलों के दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेता, जिन्हें टिकट मिलने के दूर-दूर तक आसार नहीं दिख रहे हैं वो भी सोशल मीडिया में सक्रिय रहने के लिए कंपनियों से मोल भाव कर रहे हैं। कुल मिलाकर विधानसभा का चुनाव सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भी जोर शोर से लड़ा जाएगा।
जाँच के चलते आँच से बचे
ईडी के छापों की खूब चर्चा हो रही है। अफवाहों का बाजार गरम है। एक खबर यह भी उड़ी कि एक अफसर की 80 एकड़ जमीन अटैच कर ली गई है। इसकी सत्यता की पड़ताल करने में लोग जुटे रहे, लेकिन इसकी पुष्टि किसी भी स्तर पर नहीं हो पाई।
ईडी की जांच की वजह से कई अफसरों को अभयदान भी मिल गया है। तबादले से ठीक पहले डीएमएफ से 30 करोड़ के भुगतान को लेकर एक कलेक्टर के खिलाफ विधानसभा में मामला जोर शोर से उठा। सीएम भी इसको लेकर गंभीर नजर आए। मगर इसी बीच प्रदेश में ईडी, और आईटी अफसर धमक पड़े। जांच-पड़ताल की वजह से कोई बड़ा फेरबदल नहीं हो रहा है। यही वजह है कि चर्चित कलेक्टर को हटाने के बारे में कोई बात नहीं हो रही है।
नाहक परेशान थे रेलवे अफसर...
त्योहारों के समय ट्रेनों को रद्द करने के फैसले को लेकर रेलवे को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। इसके बाद करीब 1 माह तक ट्रेन रद्द करने का सिलसिला रोक रखा गया था। यह दूसरी बात है की बहुत सी ट्रेनों के घंटों देर से चलने के कारण यात्रियों में रोष था। रेलवे को लेकर नाराजगी लोगों की कुछ कम हो रही थी कि शुक्रवार को फिर एक के बाद एक तीन प्रेस रिलीज जारी हुए और करीब 4 दर्जन ट्रेनों को रेलवे ने रद्द कर दिया। कई ट्रेनें बीच में ही समाप्त हो जाएंगी और कई बदले हुए रास्ते से गंतव्य तक पहुंचेंगी। रेलवे ने मुंबई हावड़ा और कटनी रूट दोनों ही ओर ट्रेनों को एक साथ रद्द किया है। पहले प्राय: एक रूट चालू रखी जाती थी ताकि लोग घूम-फिरकर गंतव्य तक पहुंच जाएं। पर इस घोषणा की तारीख पर लोगों का ध्यान गया। दरअसल हुआ यह कि रद्द करने की सूचना जारी करने के ठीक एक दिन पहले जेडआरयूसीसी की बैठक थी। इसमें सात सांसद हैं, जो तीन राज्यों से संबद्ध हैं। रेलवे को आशंका थी कि यदि पहले रद्द कर दिया तो सांसदों को बैठक में जवाब देते नहीं बनेगा। बैठक में वे हर बार की तरह अपनी उपलब्धियां नहीं बता पाएंगे। पर यह आशंका निर्मूल रही। सातों में से एक भी सांसद बैठक में नहीं पहुंचे। अब रेलवे अधिकारियों को लग रहा है कि नाहक ही ट्रेनों को रद्द करने में देरी की।
मैदान को उजाडऩे का खेल
यह मुंगेली जिला मुख्यालय का बैडमिंटन कोर्ट है। जब इनडोर स्टेडियम में इसे बनाया गया तो खिलाडिय़ों में बड़ा उत्साह था, अब भी खिलाड़ी आते रहते हैं, जो आए दिन यहां हो रहे आयोजनों को लेकर दुखी हैं। पहले जो अधिकारी थे वे खुद भी बैडमिंटन खेलने आ जाते थे पर अभी जो हैं उन्होंने इसे सिर्फ सभा और बैठकों का अड्डा बना लिया है। इसे बर्बाद करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। विशेषज्ञों की देखरेख में मापदंडों के अनुसार बनाया गया लकड़ी का फर्श जगह-जगह शामियानों के लिए कीलें घुसा देने से खराब हो रहा है। राज्योत्सव का जश्न भी यहीं मनाया गया। पर इस जश्न से खिलाडिय़ों का शोक और बढ़ गया। ([email protected])