राजपथ - जनपथ
छत्तीसगढ़ में सब ठीक-ठाक?
बीते दो दिनों के भीतर विरोधी दलों को कई राज्यों में झटके लगे। झारखंड की एकमात्र कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हो गईं। यूपी में समाजवादी पार्टी को झटका लगा। उसके विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी जिसके चलते राज्यसभा के उसके तीन में से दो ही उम्मीदवार चुनाव जीत पाए। हिमाचल प्रदेश में तो 9 कांग्रेस विधायकों ने पाला बदल लिया। अब वहां कांग्रेस को अपनी सरकार बचा लेने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में जाने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी, पर बाद में उन्होंने इसका खंडन कर दिया।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने इस बार सभी 11 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। पिछले दिनों यहां कांग्रेस के सदस्य, दो पूर्व विधायक विधान मिश्रा और प्रमोद शर्मा भाजपा में शामिल हो गए। शर्मा तो विधानसभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस में लौटे थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में आरोप लगाया कि भाजपा उनके विधायकों को तोडऩे की कोशिश में है। उनसे वादा कर रही है कि केंद्र में सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।
हर बार लोकसभा- विधानसभा चुनाव के पहले एक पार्टी से दूसरी पार्टी में सेंध लगाने का काम देखा जाता है, मगर इस बार यह धारा एक ही दिशा में बहती दिखाई दे रही है। बघेल के आरोप का भाजपा ने खंडन करते हुए कहा था कि यहां हमें ऐसा करने की जरूरत नहीं है। पर कौन दावा कर सकता है कि चुनाव के और करीब आते-आते उथल-पुथल नहीं होगी। क्या अकेले छत्तीसगढ़ बचा रहेगा?
बिना बात के आयोग का क्या होगा?
भूपेश सरकार ने नवाचार आयोग का गठन किया था लेकिन सरकार बदलने के बाद आयोग काम करेगा अथवा नहीं, इसको लेकर संशय है।
आयोग के चेयरमैन विवेक ढांड, भूपेश सरकार के जाने के बाद भी बहुत समय तक डटे रहे, लेकिन बर्खास्तगी की खबर शुरू होने की बाद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। वर्तमान में आयोग ने एकमात्र सदस्य रिटायर्ड पीसीसीएफ डॉ.आर.के.सिंह हैं जो कि पद पर बने हुए हैं। आयोग में सचिव ऋतु वर्मा का भी तबादला हो गया है, उनकी पोस्टिंग मंत्रालय में की गई है।
ऋतु की जगह सचिव पद पर नई पोस्टिंग नहीं हुई है। सरकार के ज्यादातर लोगों का कहना है कि आयोग की जरूरत नहीं है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने तो आयोग के गठन से लेकर कामकाज को लेकर विधानसभा में सवाल लगाए थे। मगर इस पर चर्चा नहीं हो पाई। अब आयोग में एकाउंट ऑफिसर और दो-तीन कर्मचारी ही रह गए हैं, जो कि प्लेसमेंट एजेंसी के हैं। ऐसे में नवाचार आयोग का क्या कुछ होगा, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
कांग्रेस में कोई एक्शन?
विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद कांग्रेस संगठन में बदलाव की तैयारी चल रही है। कई बड़े नेताओं के खिलाफ भीतरघात की शिकायत हुई थी लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हुई। अलबत्ता, कुछ जिलाध्यक्षों को बदलने पर विचार चल रहा है।
खबर है कि चुनाव के दौरान कुछ जिलाध्यक्षों की कार्यशैली को लेकर शिकायत भी हुई थी। ऐसे में संभावना है कि लोकसभा टिकट तय होने से पहले कुछ जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। देखना है आगे क्या कुछ होता है।
कांगेर में बर्ड सर्वे
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना को संरक्षित किया गया है। यह दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, जगदलपुर, आदि के वन क्षेत्र में भी पाया जाता है। कांगेर वैली में इन दिनों बर्ड सर्वे चल रहा है, जिसमें नौ राज्यों से 100 से अधिक प्रतिभागी पहुंचे हैं।
इनमें कोलकाता, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के गिधवा परसदा वेटलैंड से भी हैं। अभ्यारण्य के अधिकरियों का दावा है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार पक्षियों की अधिक प्रजातियां दिखाई देंगी, क्योंकि इस बीच उनके संरक्षण के लिए काफी काम किए गए हैं।