राजपथ - जनपथ
लोग गाडिय़ों के नंबर प्लेट पर अपने देश के निशान लगा लेते हैं, जिनकी जरूरत देश के बाहर जाने पर ही पड़ती है। देश के भीतर देश के संक्षिप्त नाम या झंडे के रंग किसी काम के नहीं रहते। ऐसे में छत्तीसगढ़ की एक गाड़ी की नंबर प्लेट पर जर्मनी का निशान बना हुआ है। और किसी गैरहिन्दी-गैरअंगे्रजी लिपि में कुछ लिखा हुआ भी दिख रहा है। अब जेम्स बाँड जैसे नंबर वाली गाड़ी पर कई देशों का हक हो सकता है। तस्वीर / छत्तीसगढ़
पांच दिग्गज जगहों पर यहां रहे अफसर
दिल्ली में छत्तीसगढ़ अचानक ही एक महत्वपूर्ण जगह बन गया है। छत्तीसगढ़ से पुलिस-प्रशिक्षण शुरू करने वाले ऋषि कुमार शुक्ला आज सीबीआई के डायरेक्टर हैं। वे रायपुर में एएसपी थे, फिर यहीं कोतवाली में सीएसपी बने, और फिर दुर्ग में एडिशनल एसपी। बाद में वे मध्यप्रदेश काडर में रह गए। मध्यप्रदेश के अलावा ऋषि शुक्ला ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी दो बार काम किया, एक बार वे सिक्किम में तैनात रहे, जहां पर छत्तीसगढ़ के जस्टिस के.एम. अग्रवाल उस वक्त चीफ जस्टिस थे। बाद में ऋषि शुक्ला भोपाल में भी इंटेलिजेंस ब्यूरो के मध्यप्रदेश प्रभारी रहे। मध्यप्रदेश के डीजीपी रहते हुए कमलनाथ सरकार ने आते ही उन्हें इस कुर्सी से हटाया, तो शायद एक हफ्ते के भीतर ही वे सीबीआई के डायरेक्टर चुन लिए गए। बड़ी ऊंची साख और काबिलीयत वाले ऋषि शुक्ला ने सीबीआई उस वक्त संभाली है जब उसके घर के बर्तनों की टकराहट रोजाना सुप्रीम कोर्ट में गूंज रही थी।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में रह चुके आईपीएस विवेक कुमार जौहरी कल सीमा सुरक्षा बल के डीजी बने हैं। वे भी छत्तीसगढ़ में काम करने के बाद मध्यप्रदेश काडर में रह गए थे। ऋषि शुक्ला 1983 बैच के आईपीएस हैं, और विवेक कुमार जौहरी 1984 बैच के। हिन्दुस्तान के आज के हालात में ये दोनों ही एजेंसियां बहुत महत्वपूर्ण हैं। बीएसएफ के जिम्मे पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों की सरहदें हैं, और एक तरफ हमले चल ही रहे हैं, दूसरी तरफ असम की नागरिकता के विवाद के चलते सरहद पर नया तनाव हो सकता है।
एक तीसरी बड़ी तैनाती देश की एक सबसे बड़ी सार्वजनिक कंपनी कोल इंडिया के मुखिया की है जिस पर छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के 1991 बैच के आईएएस अफसर प्रमोद अग्रवाल को चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वे भी पहले छत्तीसगढ़ में रह चुके हैं, और 1998 के आसपास महासमुंद में कलेक्टर थे। बाद में वे मध्यप्रदेश काडर में चले गए, और अब कोल इंडिया के चेयरमैन-एमडी बनाए गए हैं। वे छत्तीसगढ़ के मौजूदा एसीएस सी.के. खेतान के एकदम करीबी रिश्तेदार भी हैं।
इन सबसे पहले छत्तीसगढ़ के एसीएस रहे एन.बैजेन्द्र कुमार देश की सबसे बड़ी खनन कंपनी एनएमडीसी के चेयरमैन-एमडी बनाए गए थे जो कि कुछ महीनों से वहीं काम भी कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि एनएमडीसी के काम का सबसे बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ में है क्योंकि लोहा खदानें सबसे अधिक यहीं पर हैं। कोल इंडिया के काम का एक बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ में है क्योंकि कोयला खदानें यहां पर सबसे अधिक हैं। छत्तीसगढ़ से गए विवेक जौहरी की बीएसएफ के भी कुछ सैनिक छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात रहते आए हैं। लेकिन ऋषि शुक्ला की सीबीआई का दाखिला छत्तीसगढ़ सरकार ने नए मामलों के लिए बंद कर दिया है, और पुराने मामलों की ही जांच जारी है।
लेकिन इन सबसे अधिक चर्चा में इन दिनों कश्मीर है जिसके मुख्य सचिव के पद पर पिछले बरस छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर बी.वी.आर. सुब्रमण्यम को भेजा गया। उन्होंने पहले कभी कश्मीर में काम नहीं किया था, लेकिन वे मनमोहन सिंह के समय से प्रधानमंत्री दफ्तर में लंबा कार्यकाल गुजार चुके थे, और किन्हीं वजहों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें अच्छी तरह जानते भी थे। इसलिए जब कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, और राज्यपाल प्रदेश चला रहे थे, तो उस वक्त सुब्रमण्यम को वहां मुख्य सचिव बनाकर भेजा गया था जो कि आज कश्मीर के ऐसे ऐतिहासिक दौर के वक्त भी प्रशासनिक प्रमुख हैं। ([email protected])