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छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : इंटरनेट के मेले में ठग...
18-Jun-2020 6:32 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : इंटरनेट के मेले में ठग...

इंटरनेट के मेले में ठग...

इन दिनों इंटरनेट पर बहुत सी वेबसाईटों के बीच इस किस्म के जालसाजी के इश्तहार मासूम चेहरा बनाए खड़े रहते हैं कि आपने किसी पर क्लिक किया, तो वे आपको या तो पोर्नोग्राफी बेचने वाली किसी वेबसाईट पर ले जाएंगे, या फिर ठगी-जालसाजी वाली किसी वेबसाईट पर। जो भले लोग भी अपनी वेबसाईटों को विज्ञापनों के लिए गूगल के हवाले कर देते हैं, वहां पर अपने आप इस तरह के सेक्स या जालसाजी के इश्तहार आने लगते हैं। आज सुबह महिला अधिकारों की एक प्रतिष्ठित वेबसाईट पर ऐसा ही एक इश्तहार दिखा जो इस शहर के किसी के एकाएक करोड़पति बन जाने की खबर दिख रहा था। उत्सुकता से उस पर क्लिक किया गया तो ठगी की एक कहानी की तरह दो महीनों में करोड़ों रूपए, दो बंगले, और मर्सिडीज कार जैसी कमाई बताने वाला एक बंदा अपने को बेच रहा था। जिस तरह मेलों में ठग मिलते हैं, उसी तरह इंटरनेट पर अच्छी-भली वेबसाईटों के बीच भी धोखेबाज और जालसाज मिल जाते हैं। उन पर भरोसे के पहले लोगों को अपनी समझ पर भरोसा करना चाहिए।

आईएएस बनने की हड़बड़ी..

राप्रसे से आईएएस अवॉर्ड के लिए जल्द ही डीपीसी हो सकती है। सरकार ने आईएएस के सात रिक्त पद के लिए 21 राप्रसे अफसरों के नाम भेज दिए हैं। इसमें वर्ष-2003 बैच के डिप्टी कलेक्टर संवर्ग के अफसरों के नाम भी हैं। इस बैच के अफसरों की चयन प्रक्रिया में काफी गड़बड़ी हुई है, और यह प्रकरण अभी अदालत में भी हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक इस बैच के अफसरों की नाम आईएएस अवॉर्ड के लिए नहीं भेजने का आग्रह भी किया गया था। इस बैच में चयन प्रक्रिया भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लडऩे वाली वर्षा डोंगरे ने राज्य शासन से पत्र व्यवहार भी किया है, लेकिन जब तक उनका पत्र मंत्रालय तक पहुंच पाता, डीपीसी की फाइल डीओपीटी को भेजी जा चुकी थी।

चर्चा है कि डीपीसी को लेकर किसी तरह की कानूनी अड़चनें न आए, इसके लिए इस बैच के अफसर लामबंद हो गए हैं। वे डीओपीटी के अफसरों से संपर्क की कोशिश में भी जुट गए हैं। ताकि हाईकोर्ट के फैसले के चलते पदोन्नति में किसी तरह की समस्या न आए। यही नहीं, वे कानूनी परामर्श भी कर रहे हैं। चूंकि तकरीबन सभी मलाईदार पदों पर हैं। इसलिए कोई आर्थिक समस्या भी नहीं है। ऐसे में वे सभी पदोन्नति को लेकर उम्मीद से हैं। हालांकि अभी डीपीसी की तिथि तय नहीं हुई है। लिहाजा, पदोन्नति खटाई में पडऩे की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा है।

हलके और भारी विधायक...

विकास योजनाओं और ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कई जगहों पर कांग्रेस के विधायकों में आपसी मनमुटाव चल रहा है। प्रदेश के एक जिले के तीन कांग्रेस विधायकों में से दो एक राय के हैं, तो एक विधायक की एकला चलो की रणनीति रही है। इससे अकेले विधायक को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जिले के शीर्ष अधिकारियों की पोस्टिंग की बात आई, तो अकेले विधायक की सुनवाई नहीं हो पाई। दोनों विधायक एक राय होकर पहले कलेक्टर को बदलवाने में सफल रहे, और अब डीएफओ के लिए अपनी तरफ से नाम प्रस्तावित कर दिए हैं। लोकतंत्र में वैसे भी भीड़ का महत्व होता है। लिहाजा, योजनाओं की स्वीकृति हो या फिर ट्रांसफर-पोस्टिंग, दोनों विधायक हर जगह भारी पड़ रहे हैं।

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