राजपथ - जनपथ
कोरोना कैसा टीचर?
राजधानी रायपुर के पुराने पुलिस मुख्यालय में पौन दर्जन कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद नया रायपुर के पुलिस मुख्यालय में भी एक कोरोना पॉजिटिव मिल गया, और अब वहां के दर्जनों लोगों का टेस्ट करवाया गया है कि कल से वहां काम शुरू हो, या न हो। आज शाम-रात तक इनकी रिपोर्ट आ जानी चाहिए। दूसरी तरफ इंटेलीजेंस में आईजी आनंद छाबड़ा के कमरे में काम करने वाले एक व्यक्ति के पॉजिटिव निकल जाने के बाद वे भी अब क्वारंटीन में चले गए हैं, और उनके दफ्तर के भी कुछ दूसरे लोग क्वारंटीन में होंगे। एक किस्म से हर दिन कुछ पॉजिटिव निकलने से कई दर्जन लोग क्वारंटीन में जा रहे हैं। हिन्दुस्तान की सरकार में लोगों को सचमुच ही पेपरलेस और ऑनलाईन काम करने का एक मौका मिल रहा है। लोगों को घर से भी काम करना पड़ रहा है, और फोन, इंटरनेट, कम्प्यूटर से भी। अब एक कागज भी किसी के पास आता है, तो वे शक की नजरों से देखते हैं।
लॉकडाऊन के बाद कोरोना-क्वारंटीन का यह दौर सरकारी कामकाज को ऑनलाईन और पेपरलेस बनाने का वह काम कर रहा है जो कि दस बरस के कागज बचाव अभियान से भी नहीं हो पाया था। इस मौके का फायदा उठाकर लोगों को बिना डीजल-पेट्रोल जलाए, बिना कागज बर्बाद किए, बिना मिले हुए काम करने की एक नई संस्कृति में ढल जाना चाहिए। देखें कोरोना कितना कामयाब टीचर साबित होता है।
बैठकों पर कोरोना का साया
खबर है कि पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय के शंकर नगर स्थित निवास पर होने वाली नियमित बैठकों का सिलसिला बंद हो गया है। पाण्डेय के निवास पर बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, रामविचार नेताम, नारायण चंदेल समेत कई नेता रोज रात में जुटते थे। और भोर होने तक गपशप चलते रहती थी। इसी बीच कोरोना संक्रमित विधायक दलेश्वर साहू के चक्कर में अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा के क्वॉरंटीन रहना पड़ा था।
मगर दो दिन बाद ही दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बैठक में रौनक आ गई। यहां देर रात तक मजमा लगा रहता था, लेकिन फिर एक नई समस्या आ गई। दो-तीन दिन पहले सुनील सोनी भी वहां गए थे। इसी बीच खबर आई कि सुनील सोनी का पीएसओ भी कोरोना पॉजिटिव हो गया है। पीएसओ भी पाण्डेयजी के बंगले में मौजूद था। सुनील सोनी को तो क्वॉरंटीन होना पड़ा, इससे पहले कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़े, पाण्डेयजी ने बैठक बंद कर दी और भिलाई घर चले गए।