राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : ऑनलाइन मीटिंग की दिक्कत
04-Jul-2021 7:33 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : ऑनलाइन मीटिंग की दिक्कत

ऑनलाइन मीटिंग की दिक्कत

भाजपा में वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। पार्टी के सीनियर नेताओं का कृषि सुधार, और उपलब्धियां विषय पर उद्बोधन भी हो रहा है, लेकिन जिलों में पार्टी  नेता कार्यक्रम में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। दो दिन पहले सरगुजा में काफी मशक्कत करने के बाद वर्चुअल बैठक में सिर्फ 57 लोग ही जुड़े थे। बैठक को पूर्व सीएम रमन सिंह ने संबोधित किया। रमन सिंह के भाषण के दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने गंदी-गंदी गालियां देना शुरू कर दिया।

इससे रमन सिंह, और बाकी नेता सकते में आ गए। कुछ क्षण बाद किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद रमन सिंह भाषण पूरा कर पाए। दरअसल, वर्चुअल बैठक में गाली बकने वाला नेता अपनी दुकान में बैठा हुआ था। पार्टी कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़ा था, और साथ ही ग्राहकों को भी निपटा रहा था। इस दौरान दुकान में उसकी किसी से बहस हो गई, और वह उस पर गुस्से में फट पड़ा। एकबारगी ऐसा लगा कि वह रमन सिंह को ही गाली बक रहा है। थोड़ी देर बाद सबको वस्तु स्थिति समझ में आई। तब कहीं जाकर कार्यक्रम आगे बढ़ा।

सरगुजा में भाजपा बँटी

सरगुजा भाजपा दो खेमों में बंट गई है। एक खेमा सरगुजा राजघराने के मुखिया, और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ खड़ी दिख रही है, तो दूसरा उनसे हर हाल में भिडऩे के लिए तैयार है। ऐसे ही रिश्वतखोरी के प्रकरण पर आंदोलन करने के मसले पर भाजपा नेता आपस में ही टकरा रहे हैं। हुआ यूं कि सांप काटने से 14 साल के किशोर की मौत हो गई। किशोर के पोस्टमार्टम जल्द करने, और प्रमाण पत्र देने के एवज में डॉक्टर ने मृतक की मां से 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी। सर्पदंश से मौत पर मृतक के परिवार को 4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान है।

गरीब महिला ने किसी तरह 12 हजार रुपए का इंतजाम किया। कुछ स्थानीय लोगों ने डॉक्टर को महिला से रिश्वत लेते कैमरे में कैद भी कर लिया। बात फैली, तो लोग आक्रोशित हो गए, और भाजपा के कई नेता स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने लगे। मगर भाजपा के भीतर सिंहदेव समर्थक खेमे ने रुचि नहीं दिखाई। बाद में स्थानीय लोगों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन पार्टी स्तर पर सिंहदेव के विभाग में भ्रष्टाचार के मसले पर चुप्पी साध लेने से दूसरा खेमा बिफरा हुआ है, और इसकी शिकायत प्रदेश नेतृत्व से भी की गई है।

कांग्रेस में मारपीट, ठगी, अभद्रता के मामले

हर दो-चार दिन में किसी न किसी कांग्रेसी नेता के खिलाफ पुलिस में शिकायत हो रही है। अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद पर नौकरी लगाने के नाम पर पांच लाख रुपये से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। खुर्सीपार भिलाई थाने में पीडि़तों ने लिखित शिकायत की है। हालांकि अभी इसकी पुलिस सिर्फ जांच ही कर रही है, एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है।

छत्तीसगढ़ में एक कांग्रेसी नेता पर आदिवासी महिला ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली गलौज करने का आरोप लगाया गया है। बिलासपुर में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यातायात सिपाही से गाली गलौज करने का मुद्दा अभी तो गरम ही है। कोरबा के दीपका टेंडर फॉर्म नहीं देने पर भी ऐसी घटना हुई। पिछले जनवरी माह में रायपुर के कांग्रेस पार्षद ने आदिवासी युवक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था, जिसका भी वीडियो वायरल हुआ। कुछ दिन पहले बिलासपुर में एक और मामला हुआ था जब एक दुकान को खाली कराने के लिए कांग्रेस नेताओं ने कानून अपने हाथ में ले लिया। यहीं पर कल एक और घटना हो गई। कांग्रेस नेता हरमेंद्र शुक्ला ने जो ठेकेदारी भी करते हैं उसने दुकानदार के साथ हाथापाई की। दुकानदार के करीब 7 लाख रुपये उधारी में डूब गये हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट का अपराध दर्ज किया है। ये तो कुछ घटनाएं हैं जो हाल के दिनों में देखने को मिलीं। कुछ और खबरों को खंगालने से ध्यान में आ जाएगा। इन सभी मामलों में यह दिखाई दे रहा है कि पुलिस में पकड़ है और किसे संरक्षण नहीं मिल रहा है। गुण-दोष के आधार पर नहीं, सिफारिश और सियासी ताकत के आधार पर पुलिस भी कार्रवाई कर रही है और संगठन भी ऐसा कर रहा है। जो भी हो ऐसी घटनाएं संकेत तो अच्छा नहीं दे रही हैं और न केवल पार्टी बल्कि सरकार की भी छवि को धक्का पहुंच रहा है।

मंत्री जय सिंह अग्रवाल का बताया जा रहा एक आडियो घूम रहा है जिसमें उन्हें एक सतनामी अफसर को गलिया देते सुना जा सकता है। इसे लेकर एक छत्तीसगढ़ी संगठन ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ भी दिया है।

अब छत्तीसगढ़ में पोस्टर पर दिखे तीसरे सीएम

मुख्यमंत्री के रूप में टीएस बाबा के बाद अब सरगुजा के ही मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की भी तस्वीर प्रचार सामग्री में छप गई है। यह मामला छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर का है, जिसके अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर हैं। पोस्टर छप भी गया और अपेक्स बैंक के सामने वह लग भी गया लेकिन जिस भी अधिकारी ने प्रिंट को देखने तक की जहमत उठाए बगैर इसे ओके कर दिया वह तो साफ बच गए, बेचारे 2 कर्मचारी निलंबित कर दिये गये। कुछ दिन पहले ही जांजगीर में सक्ती के अस्पताल में बांटा गया टीकाकरण कार्ड भी चर्चा में रहा। यह कार्ड भी सैकड़ों लोगों में बंट गया और स्वास्थ्य मंत्री की फोटो के साथ उनका पद माननीय मुख्यमंत्री लिख दिया गया। जांजगीर के मामले में किसी के निलंबित नहीं किया गया है। कार्रवाई जांच के बाद करने की बात की जा रही है। फिलहाल इसके लिए बीएमओ को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पोस्टर और कार्ड दोनों सुधार के लिए गए हैं। जिज्ञासा लोगों में यही है की एक ही तरह की गलती अलग-अलग विभागों में कैसे हो गई है, तब जब यह सरकार के ढाई साल पूरा होने का खास मौका है।

 

सियाराम साहू के दफ्तर का ताला खुलेगा?

हाईकोर्ट के आदेश पर सियाराम साहू को दुबारा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर बैठने का मौका मिलना था पर उनके कमरे का ताला ही नहीं खोला जा रहा है। अब वे इस मुद्दे पर अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। उनका तीन साल का कार्यकाल अगस्त तक है। पर जिस अवधि में उन्हें हटाया गया उसका अतिरिक्त लाभ उन्हें मिलेगा या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है। वैसे साहू छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ भी कर गये हैं। उन्होंने कहा है गोधन न्याय योजना अच्छी है। इससे पिछड़े वर्ग के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।

क्या पता इस तारीफ से ही ताला खुल जाये।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news