राजपथ - जनपथ
मिशनरी के खिलाफ आंदोलन और निश्चिंत प्रशासन
नारायणपुर जिले के सुदूर अबूझमाड़ के आकाबेड़ा गांव में एक परिवार ने धर्मांतरण कर लिया। यहां के आदिवासी समाज के अध्यक्ष के अनुसार वह परिवार अब अन्य लोगों पर धर्म बदलने के लिये दबाव बना रहा है। इन लोगों ने एक युवक की पिटाई भी मना करने पर उठे विवाद के कारण कर दी। इसके बाद वहां के ग्रामीण कुरुसनार थाना पहुंचे और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर लिखाई। कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर उन्होंने प्रदर्शन भी किया। इस प्रदर्शन में शामिल लोग किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं बताये जा रहे हैं। जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण की खबरें दुर्गम इलाकों से ही क्यों आती हैं? यह पहले की सरकारों में भी होता रहा और अब भी हो रहा है। प्रशासन शायद इस बात को लेकर सतर्क नहीं है कि ये राजनीतिक मुद्दा भी बन रहा है, जबकि सवाल है कानून के पालन का।
पौवा के साथ जागरूकता के पंफ्लेट..
नगरीय निकाय चुनाव में जगह-जगह शराब और रुपये बांटे गये। इतना करने के बाद समर्थक संतुष्ट हो जाता है। किस प्रत्याशी को वोट दिया जाये, किसे नहीं- प्राप्त करने वाले को यह बताने की जरूरत नहीं है। पर सुपेला में मतदान के ठीक पहले सुपेला में पुलिस ने एक बाइक सवार को पकड़ा तो उसके पास से भारी मात्रा में देशी शराब तो जब्त की ही गई, तीन बंडल मुद्रक-प्रकाशक के नाम बिना छापे गये पंफ्लेट भी मिले। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी के आपराधिक रिकॉर्ड दर्शाये गये थे, अन्य प्रत्याशियों के नाम के साथ लिखा गया था कि इनके खिलाफ कोई प्रकरण नहीं है। शराब बांटने के साथ-साथ वे मतदाता को जागरूक भी करना चाहते थे कि किस प्रत्याशी को वोट नहीं देना है। बाकी सब तो साफ-सुथरे हैं। इस शख्स का नाम नजरूल खान बताया गया है, जिसने अपना परिचय छत्तीसगढ़ छात्र-पालक संघ के अध्यक्ष के तौर पर दिया है।