राजपथ - जनपथ
महिला शक्ति का सम्मान
नगरीय निकाय चुनाव में अनुशासनहीनता और बगावत करने वालों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी कड़ी कार्रवाई कर रही है। प्रदेश के कई बगावती पार्षद प्रत्याशी निकाल बाहर कर दिए गए हैं। पार्टी ने बताया है कि प्रदेश भर में ऐसे 23 नेता अब तक छह साल के लिये निष्कासित किये गये हैं। भिलाई मैं दिलचस्प मामला हुआ था, जब प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अजितेश सिंह ने नाम वापस ले लिया। पार्टी ने उनको भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। इधर वहीं टिकट नहीं मिलने पर महिला मोर्चा की नेत्री सुमन उन्नी ने चुनाव की तैयारियों पर बुलाई गई बैठक में कुर्सियां फेंक कर हंगामा किया और पूछा था कि आखिर टिकट उनको क्यों नहीं दी गई? यही नहीं चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सन्नी को भी उन्होंने नहीं बख्शा था, जब वे बी फॉर्म जमा करने पहुंचे। बगावत की सबसे बड़ी चर्चा इसी महिला नेत्री पर थी, पर इन पर कार्रवाई बीजेपी ने टाल दी है। शायद वजह यह हो कि न तो उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा, पार्टी से बाहर किसी को समर्थन दिया। जो भी हो, उनके साथ पार्टी ने सम्मानजनक बर्ताव किया ही है।
अब 2022 में धमकायेंगे..
सन 2020 के दिसंबर महीने में कवर्धा में संभाग स्तरीय किसान महापंचायत बीजेपी ने रखी थी। वह वक्त था उन तीन कृषि कानूनों की खासियत बताकर लोगों को जागरूक करना, जो अब वापस लिए जा चुके हैं। ऐन मौके पर जिला प्रशासन ने सभा स्थल को बदलने का आदेश जारी कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने तब अफसरों को चेतावनी दी और याद दिलाया कि 2 साल हो चुके हैं, 3 साल बाद हम सरकार में आएंगे तो हिसाब किताब लेंगे। सरकार के नुमाइंदों का फोन आने पर ज्यादा स्वामी भक्ति दिखाने की और तलवे चाटने की जरूरत नहीं है।
एक साल बाद लगभग उसी तारीख को यानी कल खुर्सीपार में नगर निकाय चुनाव का प्रचार कर रहे डॉ रमन सिंह ने सभा में लगभग वही बात दोहराई, जो उन्होंने एक साल पहले कवर्धा में कही थी। बस याद दिलाया कि 3 साल हो चुके हैं 2 साल बाद हम आएंगे, तो हिसाब किताब लेंगे। इस बार उन्होंने यह भी बताया कि तलवे चाटने वाले अफसरों की भाजपा कार्यकर्ता लिस्ट बना रहे हैं। अफसरों को एक साल का चक्र पूरा होने पर ही डॉ. रमन सिंह याद दिलाते आ रहे हैं कि उनकी सरकार दुबारा आने वाली है। अब दिसंबर 2022 में उम्मीद करनी चाहिये, जब किसी मंच से पूर्व मुख्यमंत्री फिर अफसरों को याद दिलायेंगे कि अब तो एक ही साल बचा।
नक्सल गढ़ में नीलम, रूबी
नीलम एक कीमती रत्न है जिसे कॉरेन्डम की एक किस्म कहा जाता है। इसमें लोहा, टाइटेनियम, क्रोमियम, मैग्नीशियम और एल्यूमीनियम ऑक्साइड का मिश्रण होता है। ज्योतिष शास्त्र और ग्रह नक्षत्रों पर भरोसा करने वाले नीलम का रत्न पहना करते हैं। इसी तरह से एक धातु है रूबी, जिसे कुरुविंद के नाम से भी जाना जाता है। यह भी अल्युमिनियम ऑक्साइड का एक विशेष प्रकार है। क्रोमियम की उपस्थिति के कारण यह लाल या गुलाबी रंग में मिलता है। यह भी बेशकीमती धातु है। रत्नों के अलावा आभूषण तैयार करने में इसका इस्तेमाल होता है।
सुदूर बस्तर के सुकमा जिले में यह एक पहाड़ है जिसे नीलामडग़ू के नाम से जाना जाता है। हाल में ली गई इस तस्वीर में इस पहाड़ी की खूबसूरती निखर आई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस पहाड़ी के गर्भ में नीलम और रूबी दोनों मौजूद हैं। अब तक अछूता है। पहाड़ी के बचे रहने के अनेक कारणों में से एक यह भी है कि यह नक्सलियों का गढ़ है।