राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कोदो कुटकी की महत्ता
04-Mar-2022 6:54 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कोदो कुटकी की महत्ता

कोदो कुटकी की महत्ता

कोदो और कुटकी छत्तीसगढ़ की जलवायु के अनुरूप फसलें हैं, मगर दोनों बड़े उपेक्षित अनाज हैं। लोग इनका सेवन पसंद नहीं करते। ज्यादातर लोगों को इसके बाजार का भी पता नहीं। पहले के शोध में यह निष्कर्ष निकाला जा चुका है कि कोदो मधुमेह नियंत्रण, गुर्दों और मूत्राशय के लिए फायदेमंद है। यह रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के प्रभावों से भी मुक्त होता है। यानि बिना रासायनिक खाद के उगाया जाता है।  अब वैज्ञानिकों ने कुटकी के गुणों का भी पता लगा लिया है। लखनऊ के अखिल भारतीय अनुसंधान परिषद ने इसके पौधे के वर्क से पिक्रोलिव नाम की एक नई दवा विकसित की है जिससे फैटी लीवर का उपचार किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार कोदो कुटकी को प्रोत्साहित भी कर रही है। आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ सकती है।

नया रायपुर से विस्थापित लोगों की मांगें

नया रायपुर के निर्माण से प्रभावित किसानों का आंदोलन सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है।

बीते दिनों मंत्री रविंद्र चौबे ने घोषणा की कि किसानों की 8 में से 6 मांगे मान ली गई हैं। बाकी 2 मांगों के लिए कानूनी मशविरा हो रहा है। इसके बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और वे नया रायपुर विकास प्राधिकरण भवन के सामने पहले की तरह आंदोलन पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार ने जिन मांगों को मान लेने की बात कही, उन पर पहले से ही सहमति बन चुकी थी। दरअसल आंदोलनकारी किसान सभी 27 गांवों के सभी वयस्कों के लिए 12 सो वर्ग फीट विकसित भूखंड और बसाहट का पट्टा मांग रहे हैं। प्राधिकरण के लिए इतनी बड़ी मांग का रास्ता निकालना मुश्किल हो रहा है। बीती सरकारों ने जब आनन-फानन में राजधानी के लिए जगह तय की तब किसानों के साथ कोई समझौता नहीं किया, बैठक नहीं की। आज यह मौजूदा सरकार के सिर पर यह समस्या सवार है।

मंत्री बड़ा या कलेक्टर

कोरबा जिले के लोगों को अगर कलेक्टर से कोई काम कराना है तो मंत्री जी से ना मिलें। कलेक्टर भडक़ सकती है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिस तरह मीडिया के सामने कलेक्टर रानू साहू पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है वह उनके बीच बढ़ी हुई दूरी को बताने के लिए काफी है। याद होगा कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब मंत्री अग्रवाल ने वहां के कलेक्टर पी दयानंद को भ्रष्ट बताते हुए सरकार आने पर निपटा देने की बात कही थी। पर अब तो उनकी अपनी सरकार है। दयानंद के खिलाफ एक जांच नहीं कार्रवाई नहीं हो पाई है। मंत्री के इस गुस्से को देखकर लोग सवाल कर रहे हैं कि कलेक्टर ज्यादा ताकतवर होता है या मंत्री। आप भी जवाब ढूंढिए।

खोखला स्वास्थ्य....

यह किसी दुर्घटनाग्रस्त जहाज के भीतर की तस्वीर नहीं है। यह हमारी राजधानी में ही खोखली हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं की है। शहर के खोखो पारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवा के लिए खरीदे गए एंबुलेंस इसकी कहानी बता रहे हैं। इन्हीं में से एक एंबुलेंस के एक-एक पुर्जे को निकालकर अज्ञात लोगों ने बेच दिया है। अस्पताल के लोगों का यह भी कहना है कि पुर्जे बेचें नहीं, अन्य एंबुलेंस में लगाए गए हैं।

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