राजपथ - जनपथ
आईपीएल में ऑनलाइन दांव की लत
यदि किसी से पूछा जाए कि इन दिनों कौन सा ऑनलाइन व्यापार सबसे ज्यादा फल-फूल रहा है तो बहुत लोगों की राय होगी-क्रिकेट सट्टा। जब से ऑनलाइन खेलने की सहूलियत मिलने के बाद सट्टे की लत उनको भी पड़ गई है, जिनको इसमें पहले कोई दिलचस्पी नहीं होती थी। प्रदेश के हर जिले में पुलिस आईपीएल सटोरियों के यहां छापा मार रही है। पर कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी पुलिस ने महादेव ऐप पर सट्टा के कई बड़े मामले पकड़े हैं। इसका नशा राज्य भर में फैला हुआ है। प्रदेश के कई और जगहों पर छापामारी हुई है। अनुमान है कि अब तक इसमें 70 से 80 करोड़ रुपये के दांव लग चुके हैं। अब वह जमाना लद गया जब बस-स्टैंड पर खड़ा कोई सटोरिया, सट्टा-पट्टी के साथ नगदी का कलेक्शन करते मिले। ऐप से इसने जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है। एक महादेव ऐप ही नहीं। आप प्ले स्टोर पर जाएं- सट्टा किंग, ब्लैक सट्टा, सट्टा बाजार, कम सट्टा, गली दिसावर जैसे दर्जनों ऐप मिल जाएंगे।
अभी कल की ही खबर है कि सरकार ने पाकिस्तान के चार और भारत के 22 यू-ट्यूब चैनल देश विरोधी, आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने के कारण बैन कर दिए गए हैं। इन चैनलों के नाम और उसमें डाली गई सामग्री के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, पर सरकार ने किया है तो ठीक ही होगा। क्या ऑनलाइन सट्टा ऐप जिन्हें खुले आम गूगल प्ले स्टोर डाउनलोड करने की सुविधा दे रहा है, उन पर सरकार का ध्यान नहीं गया है? हद तो यह है कि अखबारों में भी इसके फुल पेज विज्ञापन छप रहे हैं। इन्हें सिलेब्रिटी प्रमोट भी कर रहे हैं। बेरोजगारी, मंदी और महंगाई के दौर में सट्टा की लत युवाओं को और उनके परिवारों को कितना नुकसान पहुंचा रही इसका अंदाजा शायद उन्हें न हो।
ध्रुवीकरण की कोई गली तो मिले...
यूपी विधानसभा के चुनाव नतीजों ने बता दिया है कि ध्रुवीकरण का नुस्खा तमाम विरोधों और नाराजगी पर भारी पड़ता है। छत्तीसगढ़ में भी बीते कुछ समय से इसके अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। चुनाव नजदीक आते तक इसका व्यापक असर देखने को मिले, तो ताज्जुब नहीं। इधर, खैरागढ़ विधानसभा उप-चुनाव के बीच भाजपा ने नवरात्रि पर्व पर लगाए गए भगवा झंडों को उतारने के मुद्दे पर सवाल खड़ा किया है। छुईखदान की भाजपा इकाई ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के मौके पर लगाए गए भगवा ध्वज कुछ लोगों ने उतार दिए। राज्य निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया इस पर अभी नहीं आई, पर कांग्रेस की आई है। कांग्रेस ने कहा कि पूरी मशीनरी तो चुनाव आयोग के पास चली गई है। किसी तरह का झंडा लगाने की अनुमति दी गई हो, या उसे उतारा गया हो तो यह निर्वाचन आयोग के अधीन काम कर रहे कलेक्टर, एसडीएम बताएंगे। जहां तक पता चला है दिल्ली से आए प्रेक्षक ने ही झंडा उतरवाए। अब तक तक इस भगवा ध्वज के मामले ने तूल पकड़ा नहीं है, पर चुनाव अभियान चलाने के लिए समय अभी बचा हुआ है।
अमृत महोत्सव वर्ष में बिजली...
गरियाबंद के सुदूर जंगल में बसे कारीडोंगरी के निवासी आजादी के 75 साल तक लालटेन और चिमनी की रोशनी में अंधेरे से लड़ते थे। पर अब नवरात्रि के पहले दिन यह गांव बल्ब की रोशनी से नहा गया है। सिर्फ 250 की आबादी वाले इस गांव में पोल पर तार खींचने की बाधाओं के चलते अब तक बिजली लाइन नहीं आ पाई थी। अब यहां बच्चों की पढ़ाई के लिए मुंहमांगी मुराद पूरी हो गई और पेयजल की भी अच्छी सुविधा मिल जाएगी। अभी सिर्फ 40 घरों में बिजली पहुंची है। बिजली विभाग एक और ट्रांसफार्मर लगाने जा रहा है जिसके बाद बाकी घरों में भी पहुंचाने का भरोसा दिलाया गया है। नवरात्रि की असली जगमगाहट तो इसी गांव में महसूस की जा रही है।